योग गुरू से जाने क्रियाएं आपके संपूर्ण जीवन के लिए क्‍यों उपयोगी, और क्‍यों मनाया जाता है यह दिवस?

लचीले पन के कारण शरीर में कभी अनावश्यक दर्द नहीं रहता और शरीर को जिस तरह का होना चाहिए, उसकी बनावट धीरे-धीरे रोजाना योग करने से ठीक हो जाती हैं।

Update: 2022-06-21 06:50 GMT

आज अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस है। पूरी दुनिया में योग दिवस एक उत्‍सव के रूप में मनाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस क्‍यों मनाया जाता है। भारत का इसमें क्‍या योगदान है। इसके साथ आज इस कड़ी में हम योग गुरू से जानेंगे कि योग क्रियाएं आपके संपूर्ण जीवन के लिए क्‍यों उपयोगी है। आपके फ‍िट रहने के लिए योग कितना जरूरी है।

1- 21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर योग दिवस घोषित किया गया है। इसकी घोषणा 27 सितम्‍बर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र अमेरिका में अपने भाषण में की। इसके बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की 193 सदस्‍यों की बैठक में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर योग दिवस के लिए हामी भर दी और 21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस का नाम दिया गया। योग साधना भारत के इतिहास का अभिन्‍न अंग है। देश में आजादी के पूर्व योग का सर्वाधिक प्रचार स्‍वामी विवेकानंद जी ने किया था।
2- अंतरराष्‍ट्रीय योगा दिवस में लोगों के जरिए एक बड़ा संदेश दिया गया है। इस लोगो में एक व्‍यक्ति दोनों हाथ जोड़ते हुए दिखाया गया है। यह योग के साथ मन, शरीर, मनुष्‍य और प्रकृति के बीच एकता को दर्शाता है। इस लोगो में हरे, भूरे, पीले और नीले रंग का इस्‍तेमाल किया गया है। यह रंग अलग-अलग चीजों को प्रतिनिधित्‍व करते हैं। इस लोगो में हरे रंग की पत्तियां प्रकृति का प्रतीक हैं। भूरे रंग की पत्तियां धरती का प्रतीक हैं। नीला रंग धरती पर मौजूद जल का प्रतीक है। पीला रंग आग तत्‍व का प्रतीक है और सूरज की ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक है। इसके अलावा लोगो में नीचे योग फार हारमोनी एंड पीस लिया गया है, क्‍योंकि योग की मदद से लोगों को हारमनी एंड पीस मिलता है।
3- प्रत्‍येक वर्ष अंतरराष्‍ट्रीय दिवस के लिए एक थीम का चयन किया जाता है। इस थीम के जरिए लोगों को योग के बारे में जागरूक किया जाता है। प्रत्‍येक वर्ष एक नया थीम तैयार किया जाता है। वर्ष 2021 में इस दिवस का थीम बी विथ योग बी एट होम रखा गया था। कोरोना वायरस के चलते योग दिवस को एक उत्‍सव के रूप में सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाया गया था। लोगों ने अपने घरों में रहकर योगा किया। वर्ष 2020 में इस दिन का आयोजन भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में मनाया जाना था, किन्तु कोरोना महामारी के चलते यह संभव नहीं हुआ। इससे पहले देहरादून में इस दिवस का आयोजन किया गया था। इस दिवस के दिन देहरादून में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई सारे लोगों ने योगा किया था। हमारे प्राचीन ग्रंथो में योग का महत्त्व हैं, जो अब पूरे विश्व का हिस्सा हैं।
4- 21 जून साल 2015 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के खास आग्रह पर इस योग को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर उठाने और इसके महत्व को सभी को समझाने हेतु इसे विश्व स्तर पर मनाया गया। वर्ष 2015 में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। यह पहली बार हुआ था कि संयुक्त राष्ट्र ने किसी प्रस्ताव को महज सो दिनों में पारित किया। 21 जून के इस दिन को मनाने के लिए भारत में विशेष तैयारी की गई। भारत में इस दिन आयुष मंत्रालय ने भारत में खास व्यवस्था की। दुनिया भर में लाखों लोगों ने योग दिवस को मनाया। दिल्ली में पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मेादी ने 35,000 से भी ज्यादा प्रतिभागियों के साथ हिस्‍सा लिया था।
5- प्रयागराज के टीकरमाफी आश्रम स्थित योगाचार्य हर्ष चैतन्‍य बह्मचारी महराज (वर्ष 2005 में सबसे कम उम्र में योग आसन के लिए लिमका बुक आफ वर्ल्‍ड रिकार्ड) का कहना है कि योग जीवन के लिए उतना ही जरूरी है, जितना की एक BP के मरीज को उसकी टेबलेट। किसी बीमारी में पड़कर फिर उसके इलाज के लिए इधर-उधर भागना और बहुत खर्चा करना, इससे बेहतर हैं आज से ही योग के लिए वक्त निकाला जाए। इसमें ना कोई खर्चा होता हैं और न ही कोई नुकसान। योग के बस फायदे होते हैं, जिन्हें दुनिया के सभी लोगो ने माना है, इसलिए देश में अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा हैं। दुनिया में बढ़ती हुई बीमारियों को देखते हुए यह बहुत अच्छा निर्णय हैं, जो विश्वस्तर पर लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि जरूरी नहीं हैं कि योग के लिए कई घंटो का वक्त निकाला जाए, 30 मिनिट भी आपके लिए फायदेमंद होंगे। योग केवल मोटे लोगो या बीमार लोगो के लिए ही जरूरी नहीं हैं। योग व्यक्ति का सर्वांगिक विकास करता हैं। शारीरिक विकास के साथ मनो विकास भी करता हैं।
6- योगाचार्य हर्ष चैतन्‍य ने कहा कि योग दिवस की घोषणा के पीछे एक ही बड़ा उद्देश्य है, यह धर्म जाति से उपर उठकर समाज कल्याण के लिए एक शुरुआत है। योग से जीवन के हर क्षेत्र में लाभ हैं। इससे कई तकलीफों का अंत हैं। अतः सभी धर्म एवम जाति में योग के प्रति जागरूकता होनी चाहिए। योग से शारीरिक तंदुरुस्ती तो आती ही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मानसिक शांति मिलती हैं। इससे मन शांत रहता हैं एवम तनाव कम होता हैं। साथ ही यह शरीर की सभी क्रियाओं को नियंत्रित भी करता हैं। योग से जीवन के सभी भाव नियंत्रित होते हैं। योग से शरीर का ब्लड का प्रवाह नियंत्रित रहता है। इससे शरीर में चुस्ती आती है, जो कि हानिकारक टोक्सिंस को बाहर निकालती है, जिससे शरीर के विकार दूर होते हैं और रोगियों को इससे आराम मिलता हैं। साथ ही सकारात्मकता का भाव प्रवाहित होता हैं। इससे शरीर स्वस्थ रहता हैं।
7- उन्‍होंने कहा कि योग की सबसे प्रभावशाली विधा हैं सूर्य नमस्कार। इससे शरीर में लचीलापन आता हैं। रक्त का प्रवाह अच्छा होता हैं। शरीर की अकड़न, जकड़न में आराम मिलता हैं। योग से वजन नियंत्रित रहता हैं। उन्‍होंने कहा कि जिनका वजन कम है, वह बढ़ता हैं और जिनका अधिक हैं कम होता हैं। इस क्रिया से चिंता का भाव कम होता हैं। योग से मन एकाग्रचित्त रहता है। इससे शीतलता का भाव आता है और चिंता जैसे विकारों का अंत होता हैं। योग से क्रोध कम आता है। इसके चलते ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, जिससे शारीरिक एवम मानसिक संतुलन बना रहता हैं।
8- योगाचार्य हर्ष चैतन्‍य का कहना है कि योग से मन शांत रहता हैं। दिमाग दुरुस्त होता है। इससे सकारात्मक विचार का प्रवाह होता हैं। सकारात्मक भाव से जीवन का नजरिया बदल जाता हैं। मानव को किसी भी वस्तु, अन्य इन्सान या जानवर में कुछ गलत दिखाई नहीं देता। किसी के लिए मन में बैर नहीं रहता। इस तरह योग से मनुष्य का मनोविकास होता हैं। योगाचार्य का कहना है कि योग क्रिया से मनुष्य में आत्मबल बढ़ता हैं, आत्‍मविश्‍वास आता हैं। जीवन के हर क्षेत्र में कार्य में सफलता मिलती हैं। मनुष्य हर परिस्थिती से लड़ने के काबिल होता हैं। साथ ही जीवन की चुनौतियों को उत्साह से लेता हैं।
9- योग से उपापचय की क्रिया दुरुस्त होती हैं और श्वसन क्रिया संतुलित होती हैं। इससे मनुष्य में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं। बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने के लिए शक्ति का संचार होता हैं। योग एवम ध्यान में बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए उपाय हैं। योग को आप जादू भी कह सकते है, नियमित योग करने से जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं। इससे आत्मबल बढ़ता हैं। सकारात्मक भाव आता है, साथ ही आत्म विश्वास में भी वृद्धी होती है, जिससे जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं।
10- मनुष्य रोजाना कई गतिविधियां करता है और दिन के अंत में थक जाता है, लेकिन अगर वह नियमित योगा करता है, तो उसमे उर्जा का संचार होता हैं। थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता। सभी अंगो को अपना कार्य करने के लिए पर्याप्त उर्जा मिलती है, क्यूंकि योग से भोजन का सही मायने में पाचन होता हैं जो दैनिक उर्जा को बढ़ाता हैं। योग से शरीर की जकड़न खत्म होती हैं। शरीर में वसा की मात्रा कम होती हैं, जिससे लचीलापन आता हैं। लचीले पन के कारण शरीर में कभी अनावश्यक दर्द नहीं रहता और शरीर को जिस तरह का होना चाहिए, उसकी बनावट धीरे-धीरे रोजाना योग करने से ठीक हो जाती हैं।

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