जानिए कौन हैं डॉ. आरती प्रभाकर, जिन्हे बाइडन ने बनाया शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार,

भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक डॉ. आरती प्रभाकर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपना शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया है।

Update: 2022-06-22 04:39 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक डॉ. आरती प्रभाकर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपना शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया है। डॉ. प्रभाकर व्हाइट हाउस के 'ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (OSTP) की प्रमुख बनाई गई हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने मंगलवार को डॉ. प्रभाकर को ओएसटीपी के निदेशक के रूप में नामित किया। अमेरिकी सीनेट की पुष्टि के बाद वह पहली महिला, अप्रवासी और अश्वेत होंगी जो ओएसटीपी का नेतृत्व करेंगी। प्रभाकर की नियुक्ति करते हुए बाइडन ने कहा कि वह एक शानदार और बेहद सम्मानित इंजीनियर और व्यावहारिक भौतिक विज्ञानी हैं। हमारी संभावनाओं का विस्तार करने, हमारी सबसे मुश्किल चुनौतियों को हल करने और असंभव को संभव बनाने के लिए तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाने के लिए वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय का नेतृत्व करेंगी।
प्रसिद्ध भौतिकी वैज्ञानिक डॉ. आरती प्रभाकर एरिक लैंडर का स्थान लेंगी। 34 वर्षीय डॉ. प्रभाकर इसके पूर्व 1993 में तत्कालीन क्लिंटन प्रशासन ने राष्ट्रीय मानक और प्रौद्योगिकी संस्थान (NIST) के प्रमुख के रूप में चुना था। इसके बाद ओबामा प्रशासन ने प्रभाकर को डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) का प्रमुख बनाया था।
सीनेट से पुष्टि के बाद डॉ. प्रभाकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रपति की सहायक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार और विज्ञान व प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद की सह-अध्यक्ष तथा बाइडन मंत्रिमंडल की सदस्य होंगी।
दिल्ली में जन्मीं, टेक्सास में पली बढ़ीं
डॉ. आरती प्रभाकर का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनका बचपन और शुरुआती पढ़ाई टेक्सास में हुई। 1984 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी करने के बाद वह संघीय सरकार के लिए काम करने चली गईं। उन्होंने 30 जुलाई 2012 से 20 जनवरी 2017 तक यूनाइटेड स्टेट्स डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA)की प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। वह एक गैर-लाभकारी संगठन एक्चुएट (Actuate) की संस्थापक और सीईओ हैं। उन्होंने 1993 से 1997 तक राष्ट्रीय मानक और प्रौद्योगिकी संस्थान (NIST) का नेतृत्व किया और इसकी प्रमुख बनने वाली पहली महिला रहीं।
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