किम जोंग उन छोड़ रहे उत्तर कोरिया के 'चेयरमैन' का पद, जानें कौन होंगे देश के नए 'राष्ट्रपति'

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के पास आधिकारिक तौर पर देश के ‘चेयरमैन का पद है लेकिन अब वो इस पद को छोड़ने जा रहे

Update: 2021-02-21 12:37 GMT

उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) के पास आधिकारिक तौर पर देश के 'चेयरमैन' (Chairman) का पद है लेकिन अब वो इस पद को छोड़ने जा रहे हैं. इसका ये मतलब नहीं है कि देश पर अब किसी और का कब्जा होगा. दरअसल किम जोंग अब औपचारिक रूप से उत्तर कोरिया के 'चेयरमैन' नहीं 'राष्ट्रपति' (President) कहलाएंगे. कोरियन सेंट्रल एजेंसी की रिपोर्ट के हवाले से मीडिया में इसका दावा किया जा रहा है.


न्यूज एजेंसी ने बुधवार को किम को लेकर एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में बताया गया कि किम जोंग उन प्योंगयांग के बाहर कुमसूसन पैलेस ऑफ द सन के दौरे पर गए हुए थे. वो अपने पिता की जयंती पर यहां पहुंचे थे. इस रिपोर्ट में कोरियन सेंट्रल एजेंसी ने किम को 'डेमोक्रैटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के स्टेट अफेयर्स के प्रेजिडेंट' कह कर संबोधित किया. इसी पहले उन्हें स्टेट अफेयर्स का चेयरमैन कहा जाता था.


'सामान्य देश' की तरह दिखने की कोशिश
किम के पद का नाम सिर्फ अंग्रेजी में ही बदला है, कोरियन में नहीं. ये खबर सामने आने के बाद लोग तरह-तरह की अटकलें लगाने लगे. इस पर साउथ कोरिया की योन्हाप न्यूज एजेंसी ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि इस कदम से उत्तर कोरिया दुनिया के सामने किसी 'सामान्य देश' की तरह दिखने को कोशिश कर रहा है. इसी कोशिश में उत्तर कोरिया अपने शीर्ष नेता को राष्ट्रपति कहलाना चाहता है.

अभी तक उत्तर कोरिया में 'राष्ट्रपति' का टाइटल उनके दादा और देश के संस्थापक किम इल सुंग के पास था. दावा किया जा रहा है कि किम भी अपने दादा की तरह ताकत हासिल करना चाहते हैं. बता दें कि किम इल सुंग ने 46 साल शासन किया था. उनका निधन 1994 में हुआ था. हाल ही में हुई पार्टी की एक मीटिंग को किम जोंग उन को वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया का महासचिव चुना गया था. किम जोंग उन से पहले इस पद पर किम जोंग इल थे. उन्होंने 17 साल तक शासन किया. 2011 में किम जोंग इल का निधन हो गया था.

बीते दिनों उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी कैबिनेट के प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक महीना पहले नियुक्त किए गए एक वरिष्ठ वित्त अधिकारी को सेवा से हटा दिया था. किम ने आरोप लगाया था कि संकट के दौर से गुजर रही देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इन अधिकारियों ने कोई नया विचार पेश नहीं किया था.


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