अफगानिस्तान की मदद करेगा जापान, बजट से 109 मिलियन अमरीकी डालर करेगा आवंटित

दो महीने पहले यह आकड़ा करीब 1 करोड़ 40 लाख के करीब था।

Update: 2021-12-21 09:16 GMT

जापान अपने अनुपूरक बजट की मद्द से अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों की सहायता करेगा। जापान के विदेश मंत्रालय के मुताबिक वो अपने बजट से करीब दस करोड़ 90 लाख अमेरिकी डालर पीड़ित देशों की सहायता के लिए आवंटित करेगा। एक बयान के मुताबिक, बीते 20 दिसंबर को जापान सरकार ने अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों में मानवीय संकट को दूर करने के लिए वित्त वर्ष 2021 के अनुपूरक बजट से लगभग दस करोड़ 90 लाख अमेरिकी डालर देने का फैसला किया है।

अफगान की मद्द करेगा जापान
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 16 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मद्द से जापान धन आवंटन की प्रक्रिया को पूरा करेगा। जिसमें संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों समेत रेड क्रास की अंतर्राष्ट्रीय समिति, रेड क्रास और रेड क्रिसेंट सोसायटी के अंतर्राष्ट्रीय संघ, प्रवास के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन और आर्गेनाइजेशन फार सिक्योरिटी एंड कापरेशन, युरोप को शामिल किया जाएगा। साथ ही बताया गया है कि, धन आवंटन के तहत दस करोड़ अमेरिकी डालर अफगानिस्तान को दिए जाएंगे। वहीं 40 लाख अमेरिकी डालर ईरान को, 37 लाख 72 हजार डालर पाकिस्तान को, ताजिकिस्तान को 9 लाख 90 हजार डालर और उज्बेकिस्तान को चार लाख 30हजार डालर दिए जाएंगे।
देश में मानवाधिकारों को खतरा
संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकार ने इस बात को खासा जोर देते हुए कहा कि, अफगानिस्तान में अधिकारियों द्वारा मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान देश में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र के उप उच्च अधिकारी नादा अल-नशिफ ने कहा, हकीकत में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय - देश में कठोर आर्थिक और मानवीय संकटों के बारे में बताते है।
तेजी से बिगड़ते हालात
गौरतलब है कि, अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता हासिल करने के बाद देश के हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। यहां के आर्थिक हालात बद से बदतर हो गए हैं और देश में भुखमरी के हालात पैदा हो रहे हैं। यूएन के विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी डायरेक्टर डेविड बेस्ली के मुताबिक, अफगानिस्तान की कुल 3 करोड़ 90 लाख की आबादी में से करीब 2 करोड़ 28 लाख लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। जिनके भुखमरी के कगार पर पहुंचने के हालात पैदा हो रहे हैं। दो महीने पहले यह आकड़ा करीब 1 करोड़ 40 लाख के करीब था।

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