अमेरिका : अमेरिका के अधिकारियों ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रशंसा की है। बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें आधुनिक अमेरिका-भारत संबंधों का वास्तुकार कहा है। अधिकारियों का कहना है कि भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देने में जयशंकर ने विशेष भूमिका निभाई है।
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने विदेश मंत्री जयशंकर के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम में बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति, राज्य के उप सचिव रिचर्ड वर्मा, राष्ट्रपति बिडेन की घरेलू नीति सलाहकार नीरा टंडन, व्हाइट हाउस कार्यालय के राष्ट्रीय औषधि नियंत्रण नीति के निदेशक डॉ. राहुल गुप्ता और राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन के निदेशक डॉ. सेथुरमन पंचनाथन शामिल हुए। इस दौरान अधिकारियों ने जयशंकर को आधुनिक अमेरिका-भारत संबंधों का वास्तुकार कहा।
जयशंकर की नौ दिवसीय अमेरिका यात्रा समाप्त
विदेश मंत्री एस जयशंकर की नौ दिनी अमेरिका यात्रा रविवार को खत्म हो गई। यात्रा के अंतिम दिन जयशंकर ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में जयशंकर ने अपनी विदेश यात्रा के मुख्य अंश साझा किए। एक्स पर वीडियो साझा करते हुए जयशंकर ने एक कैप्शन भी लिखा- भारत और अमेरिका: क्षितिज का विस्तार।
विभिन्न अमेरिकी अधिकारियों से की मुलाकात
वीडियो में एस जयशंकर ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई सहित अन्य अधिकारियों के साथ की गई चर्चा की झलकियां दिखाई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्टिन के साथ भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की। जयशंकर के वाशिंगटन प्रवास के दौरान अमेरिका में भारत के दूत तरनजीत सिंह संधू भी मौजूद थे। वाशिंगटन के इंडिया हाउस में उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों, प्रशासन, व्यापार और थिंक टैंक प्रमुखों से भी मुलाकात की।
कनाडा विवाद पर की खुलकर बात
अमेरिका यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा के साथ विवाद और राजनयिक संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से कनाडा के साथ खटास जारी है। इसकी वजह कनाडा में फल-फूल रहे आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा को लेकर कनाडाई सरकार की सहनशीलता है। उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा के साथ जारी वर्तमान तनाव को गतिरोध नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत असल में कनाडा के लिए वीजा निलंबित करना पंसद नहीं करता है लेकिन कनाडाई पक्ष के कारण हमें ऐसा करना पड़ा। कनाडाई पक्ष ने हमारे लिए चीजें काफी मुश्किल बना दी थीं। कनाडा में हमारे राजनयिकों को धमकाया जा रहा है। उन्होंने हमारे राजनयिकों को इस हद तक परेशान कर दिया है कि वह अपना काम तक नहीं कर पा रहे हैं।