रूस और यूक्रेन में छि़ड़ी रुतबे और जज्बे की जंग को एक महीना हो गया, लेकिन युद्ध में एक भी बड़े शहर पर कब्जा नहीं कर पाई रूसी सेना
यूक्रेन में छि़ड़ी रुतबे और जज्बे की जंग को गुरवार को एक महीना हो गया। इस दौरान महाशक्ति के रुतबे वाला रूस जीत दर्ज नहीं करा सका है और न ही यूक्रेन के जज्बे ने घुटने टेके हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन में छि़ड़ी रुतबे और जज्बे की जंग को गुरवार को एक महीना हो गया। इस दौरान महाशक्ति के रुतबे वाला रूस जीत दर्ज नहीं करा सका है और न ही यूक्रेन के जज्बे ने घुटने टेके हैं। महीने भर में रूसी सेना यूक्रेन के किसी एक बड़े शहर पर कब्जा कर पाने में सफल नहीं हो पाई है। हां, उसने मारीपोल, कीव, खार्कीव, चार्निहीव, ओडेसा जैसे बड़ै शहरों को बर्बाद जरूर कर दिया है। तीन हफ्ते से रूसी सेना से घिरा मारीपोल खंडहर में तब्दील हो गया है लेकिन हार नहीं मान रहा।
इस एक महीने में यूक्रेन की सेना और वहां के उत्साही नागरिकों ने रूस को गहरे और लंबे समय तक टीस देने वाले जख्म दिए हैं। यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के करीब 16 हजार सैनिकों को मारा है, 101 लड़ाकू विमान और 124 हेलीकाप्टर मार गिराए हैं। इतना ही नहीं 517 टैंक और 267 तोपें भी नष्ट कर दी हैं। तटस्थ संस्थाएं भी रूस को बड़े नुकसान की पुष्टि करती हैं। शायद इसीलिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि रूस कभी भी यूक्रेन को नहीं हरा सकता। बौखलाए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में प्रतिबंधित संहारक हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। 24 फरवरी से ही यह युद्ध यूक्रेन की धरती पर लड़ा जा रहा है। हमले के कुछ ही घंटों बाद रूसी सेना राजधानी कीव के नजदीक पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद भारी प्रतिरोध के चलते वह कीव में दाखिल नहीं हो पाई।
बीते 48 घंटों में कीव के नजदीक जमी रूसी सेना को पीछे हटाने में यूक्रेन की सेना को सफलता मिली है। गुरुवार को अजोव सागर के तट पर स्थित बर्डिस्क बंदरगाह में लंगर डाले विशाल रूसी जहाज ओर्स्क को बर्बाद करने में यूक्रेन की सेना को सफलता मिली। इस जहाज में आग की लपटें और इससे गहरा काला धुंआ उठता देखा गया है। यह जहाज 45 सैन्य वाहन और 400 सैनिकों को लेकर समुद्री रास्ता तय करने में सक्षम है। यूक्रेन के बर्डिस्क बंदरगाह पर रूसी सेना ने कब्जा कर रखा है। युद्ध के कारण यूक्रेन से अभी तक 36 लाख से ज्यादा लोग भागकर पड़ोसी देशों में पहुंचे हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनीसेफ के अनुसार, युद्ध के चलते यूक्रेन के आधा से ज्यादा बच्चे विस्थापन के शिकार हुए हैं।