इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की दुनिया के शक्तिशाली देशों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर और सख्त होने की अपील

इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने मंगलवार को दुनिया के शक्तिशाली देशों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर और सख्त होने की अपील की है.

Update: 2021-12-29 01:35 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने मंगलवार को दुनिया के शक्तिशाली देशों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर और सख्त होने की अपील की है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह ईरान और दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच 'अच्छे' परमाणु समझौते के विरोध में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मौजूदा वार्ताओं से ऐसा कोई भी परिणाम निकलने पर संदेह व्यक्त किया.

साल 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु करार को बचाने के लिये इस्लामिक राष्ट्र और दुनिया के पांच ताकतवर देशों के बीच वियना में वार्ता के दौर फिर से शुरू होने के एक दिन बाद बेनेट ने यह बात कही. उन्होंने दोहराया कि इजराइल किसी भी समझौते को लेकर बाध्य नहीं है.
उन्होंने दोहराया कि इजराइल किसी भी समझौते को लेकर बाध्य नहीं है. बेनेट ने इजराइली आर्मी रेडियो से कहा कि अंत में, निश्चित रूप से एक अच्छा सौदा हो सकता है. लेकिन वर्तमान हालात और मौजूदा परिदृश्य में क्या ऐसा होने की उम्मीद की जा सकती है? नहीं, क्योंकि यहां बहुत सख्त रुख की जरूरत है.
ईरान के परमाणु करार को लेकर चितिंत है इजराइल
बेनेट ने पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि वह अमेरिका के साथ एक नीति पर सहमत हो गए थे, जिसके तहत इजराइल को ईरान के संबंध में अपने सैन्य मंसूबों को लेकर अमेरिका के साथ स्पष्टता रखनी होगी. बेनेट ने कहा, "इजराइल कार्रवाई के अपने अधिकार को सदैव बरकरार रखेगा और अपनी रक्षा अपने आप ही करेगा."
ईरान के परमाणु करार को लेकर चल रही वार्ता के बारे में इजराइल हाल में कई बार चिंता व्यक्त कर चुका है. ईरान ने वार्ता के दौरान कड़ा रुख अपनाते हुए सुझाव दिया है कि पिछले दौर में जिन मुद्दों पर बात हुई थी, उनपर दोबारा बातचीत होनी चाहिये. साथ ही उसने परमाणु कार्यक्रम पर आगे बढ़ने के बावजूद प्रतिबंधों में राहत देने की मांग की है.
इजराइल ने की ईरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की अपील
बेनेट ने वार्ताकारों से ईरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का आग्रह किया है. इजराइल इस वार्ता में शामिल नहीं है, लेकिन इससे इतर राजनयिक माध्यमों से यह कोशिश कर रहा है कि वार्ता में शामिल पक्ष ईरान पर परमाणु कार्यक्रम रोकने का दबाव डालें. तेहरान में ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अबदुल्लाहियन ने सरकारी टीवी चैनल को बताया कि यदि वार्ता के अन्य पक्ष सद्भावना और गंभीरता प्रकट करते हैं तो निकट भविष्य में त्वरित और उचित समझौता संभव है.
ईरान और दुनिया के ताकतवर देशों के बीच 2015 में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ था. जिसके तहत ईरान को प्रतिबंधों में ढील के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम में कटौती करनी थी. लेकिन 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश को इस समझौते से बाहर निकाल लिया और ईरान पर और अधिक प्रतिबंध लगा दिये. इसके बाद यह समझौता खतरे में पड़ गया. अब इसे बरकरार रखने के लिये वियना में वार्ता चल रही है
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