दुनिया का पहला देश बन सकता है इस्राएल, यहां लोगों को कोविड का चौथा टीका लगाने की तैयारी

दुनिया के कई देश अब भी कोविड वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस बीच इस्राएल दुनिया का पहला देश बन सकता है, जहां लोगों को कोविड का चौथा टीका लगाया जाएगा.

Update: 2021-12-23 03:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया के कई देश अब भी कोविड वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस बीच इस्राएल दुनिया का पहला देश बन सकता है, जहां लोगों को कोविड का चौथा टीका लगाया जाएगा. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से निबटने के लिए इस्राएल अब कोविड वैक्सीन का चौथा डोज लगाने पर विचार कर रहा है. यहां स्वास्थ्यकर्मियों, 60 साल से ऊपर के लोगों या कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को कोविड वैक्सीन का चौथा टीका लगाया जा सकता है. इसका एक मकसद देश में टीकाकरण बढ़ाना भी है. इस्राएली स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था, जिसने मंगलवार को अपनी सिफारिशें पेश कीं. पैनल ने सुझाव दिया कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन का तीसरा टीका लगवाए हुए चार महीने हो चुके हैं, उन्हें चौथा टीका लगाया जाए. हालांकि, इन सिफारिशों को लागू किया जाना अभी बाकी है.

पांचवीं लहर से निपटने के लिए इस्राएल में ज्यादा से ज्यादा लोगों से टीका लगवाने की अपील करने वाले देश के प्रधानमंत्री नफ्थाली बेनेट ने पैनल के सुझावों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह शानदार खबर है, जिससे दुनियाभर में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट से निबटने में मदद मिलेगी. पैनल ने यह सुझाव भी दिया है कि दूसरे और तीसरे टीके के बीच में मौजूदा पांच महीने का अंतर घटाकर तीन महीने कर दिया जाना चाहिए. पैनल के बयान में कहा गया है कि ये उपाय कोरोना की पांचवीं लहर से निबटने में कारगर सिद्ध होंगे. हालांकि, विशेषज्ञों ने जिस डेटा के आधार पर ये सुझाव दिए हैं, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है. इस्राएल के आर्मी रेडियो से बात करते हुए पैनल के एक डॉक्टर आर्नन शाउर ने बताया, "हम ओमिक्रॉन संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम होते देख रहे हैं. इस लहर में संक्रमण के मामले आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ रहे हैं.
पैनल के 80% से ज्यादा सदस्यों ने इन उपायों का समर्थन किया है" ये सिफारिशें स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक नाषमन ऐश की मंजूरी के बाद ही लागू होंगी. मंत्रालय ने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है. ओमिक्रॉन को लेकर तेजी बाकी दुनिया के मुकाबले इस्राएल में टीकाकरण अभियान बड़ी तेजी से शुरू हुआ था, लेकिन एक वक्त के बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई. स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें, तो करीब 94 लाख की आबादी वाले इस्राएल में अब तक 62% लोगों को कोविड के दोनों टीके लग चुके हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट की रोकथाम के लिए बेनेट सरकार ने तेजी दिखाते हुए 25 नवंबर को ही इस्राएल में विदेशी लोगों के आने पर रोक लगा दी थी. सरकार ने अधिक खतरे वाले देशों की एक सूची जारी करते हुए लोगों ने वहां न जाने की अपील की थी. इस सप्ताह अमेरिका को भी इस सूची में शामिल कर दिया गया है. मंगलवार को इस्राएल के एक अस्पताल ने ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से पहली मौत होने की बात कही थी.
हालांकि, बाद में यह बयान बदल दिया गया और अस्पताल ने कहा कि लैब की आखिरी जांच में वह मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाया गया. सोरोका मेडिकल सेंटर ने कहा कि सोमवार को 60 साल के जिस मरीज की मौत हुई, वह पहले से कई समस्याओं से जूझ रहा था. उसे दो सप्ताह पहले कोविड वॉर्ड में भर्ती कराया गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मंगलवार तक इस्राएल में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के कम से कम 340 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की इजाजत दे दी है कि सरकारी दफ्तरों में आधे कर्मचारियों को ही बुलाया जाए. रक्षामंत्री बेनी गांत्स ने सेना के होमफ्रंट कमांड को एक दिन में संक्रमण के 5,000 मामले आने की स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है. 


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