ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने परमाणु समझौते पर अमेरिका के सामने रखी ये शर्त

रूहानी ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देशों की आलोचना की और इसे समझौते के लिए उनकी प्रतिबद्धताओं पर उनकी निष्क्रियता करार दिया

Update: 2021-03-07 14:41 GMT

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी (Iran President Hassan Rouhani) ने रविवार को कहा कि अमेरिका (America) द्वारा ईरान (Iran) के खिलाफ लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बाद उनका देश विश्व शक्तियों के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते (Nuclear Deal) के उपायों के तहत कदम उठाने के लिए तैयार है. आयरलैंड (Ireland) के विदेश मंत्री साइमन कोवेनी के साथ एक बैठक में रूहानी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों (US Sanctions) को हटाए जाने और दबाव की नीति छोड़े जाने के बाद ईरान परमाणु समझौते पर आधारित क्षतिपूर्ति उपायों को तुरंत शुरू करने और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा के लिए तैयार है.

रूहानी ने ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देशों की आलोचना की और इसे समझौते के लिए उनकी प्रतिबद्धताओं पर उनकी निष्क्रियता करार दिया. उन्होंने कहा कि ईरान एकमात्र ऐसा देश है जिसने समझौते की अपनी प्रतिबद्धताओं को कायम रखा.
आयरलैंड कर रहा मध्यस्थता
बता दें कि 2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी परमाणु समझौते से अमेरिका को एकतरफा रूप से अलग कर लिया था. इस समझौते में तेहरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने पर सहमति जाहिर की थी.

जब अमेरिका ने कुछ प्रतिबंधों को फिर से लागू किया और अन्य प्रतिबंध भी लगाए तो ईरान ने परमाणु विकास को लेकर समझौते की सीमाओं को धीरे-धीरे छोड़ दिया. परमाणु समझौते के कार्यान्वयन में आयरलैंड गणराज्य की भूमिका मध्यस्थ की है. कोवेनी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समझौते से हटना एक गलती थी. उन्होंने कहा कि नया अमेरिकी प्रशासन समझौते पर लौटने के लिए दृढ़ हैं.
बातचीत को तैयार बाइडेन प्रशासन
बाइडेन प्रशासन ने पिछले रविवार को कहा था कि वह ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते को लेकर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, जबकि ईरान ने समझौते को लेकर अमेरिका और अन्य भागीदारों के साथ बैठक में शामिल होने के यूरोपीय संघ के आमंत्रण को ठुकरा दिया था.
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वार्ता में शामिल नहीं होने के फैसले से अमेरिका निराश है लेकिन वह वार्ता के प्रारूप और ढांचे को लेकर लचीला रूख अपना रहा है और राजनयिक प्रक्रिया के तहत यूरोपीय संघ के आमंत्रण को ठुकराने के ईरान के फैसले पर भी गौर कर रहा है.


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