ईरान के परमाणु विज्ञानी की हुई थी रोबोट से हत्या, मोसाद ने बनाया था निशाना

पिछले साल 27 नवंबर को ईरान के परमाणु विज्ञानी मोहसिन फखरीजादेह को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने निशाना बनाया था।

Update: 2021-09-19 18:52 GMT

वाशिंगटन, न्यूयार्क टाइम्स। पिछले साल 27 नवंबर को ईरान के परमाणु विज्ञानी मोहसिन फखरीजादेह को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने निशाना बनाया था। फखरीजादेह की मौत से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा था।परमाणु विज्ञानी की मौत के बाद से ही इस बारे में अलग-अलग रिपोर्ट सामने आ रही थी कि मोसाद ने इस अभियान के लिए क्या तरीका अपनाया था। कुछ खबरों में कहा गया कि बंदूकधारियों के एक दल ने उन्हें निशाना बनाया था।

हाल में एक रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई है कि असल में मोसाद ने इस अभियान के लिए रोबोट का इस्तेमाल किया था। पूरे अभियान को रिमोट के माध्यम से संचालित किया गया। इजरायल कई साल से फखरीजादेह को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी।
बीच में जब अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु निशस्त्रीकरण की बातचीत शुरू की, तो इजरायल ने इन अभियानों को रोक दिया था। बाद में ईरान से हुए समझौते से अमेरिका के बाहर आने के बाद मोसाद ने फिर फखरीजादेह को मारने की तैयारी शुरू की। इस बार विशेष मशीन तैयार की गई थी। इसे टुकड़ों में ईरान पहुंचाया गया और वहीं तैयार किया गया।
फखरीजादेह पर हमले के तुरंत बाद उस ट्रक को भी मोसाद ने विस्फोट में उड़ा दिया था, जिसमें से मशीन के जरिये निशाना साधा गया था। इससे किसी भी तरह का सुबूत नहीं मिल पाया। ऐसे अभियानों के लिए रिमोट कंट्रोल से चलने वाली मशीनों के इस्तेमाल ने मोसाद की ताकत को काफी बढ़ा दिया है।
बता दें कि मोहसिन फखरीजादेह को ईरान के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक थे। उन्हें ईरान के परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता था। उन्होंने देश के परमाणु हथियार कार्यक्रम का भी नेतृत्व किया था। पश्चिमी देशों के सुरक्षा विशेषज्ञ उन्हें काफी ताकतवर मानते थे। न्यूयार्क टाइम्स ने साल 2015 में उनकी तुलना जे राबर्ट ओपनहाइमर से की थी। ओपनहाइमर एक वैज्ञानिक थे और उन्होंने मैनहट्टन पर‍ियोजना की अगुवाई की थी। उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पहला परमाणु बम बनाया था।


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