ईरान चाबहार पोर्ट को केंद्र बनाकर बढ़ाना चाहता है व्यापार, भारत से दूरी कम होने का मिलेगा लाभ

अमेरिका के कड़े प्रतिबंधों के बीच ईरान अपना व्यापार विकसित करने की कोशिश में है।

Update: 2022-07-25 01:09 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका के कड़े प्रतिबंधों के बीच ईरान अपना व्यापार विकसित करने की कोशिश में है। इसके लिए वह भारत द्वारा विकसित चाबहार बंदरगाह को केंद्र बनाकर मध्य एशियाई देशों से व्यापार संपर्क बनाना चाहता है। उल्लेखनीय है कि चाबहार से भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान की दूरी बहुत कम है।

लगातार बिगड़ रही है ईरान की आर्थिक स्थिति
चाबहार बंदरगाह दक्षिण-पूर्व ईरान में ओमान की खाड़ी के मुहाने पर स्थित है। यहां से भारत में व्यापार के लिए माल भेजने में समय कम लगेगा और भाड़ा भी कम लगेगा। अमेरिकी प्रतिबंधों और उसके कारण पश्चिमी देशों के कम होते निवेश के चलते ईरान की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। उससे उबरने के लिए ईरान अपने व्यापार विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। चीन से व्यापार बढ़ाने के साथ ही ईरान भारत और मध्य एशियाई देशों से व्यापार बढ़ाना चाहता है। यह जानकारी राजनीतिक विश्लेषक वेलेरियो फाबरी ने रूस की अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद को भेजी रिपोर्ट में कही है।
भारत और ईरान के बीच व्यापार बढ़ाने की पहल
हाल ही में भारत और मध्य एशियाई देशों के सम्मेलन में भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह के जरिये व्यापार बढ़ाने की पहल की है। इसके लिए नियमों और कर प्रणाली को आसान बनाया गया है। विदित हो कि भारत चाबहार बंदरगाह का विकास कर रहा है और यहां से अपना व्यापार बढ़ाना चाहता है। किर्गिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चाबहार से व्यापार में उनके देश को बड़ा लाभ होगा। जलमार्ग से भारत से किर्गिस्तान माल आने में इस समय 30 से 45 दिन का समय लगता है। चाबहार बंदरगाह शुरू होने पर यह समय कम होकर 14-15 दिन हो जाएगा। इसके कारण माल भाड़ा भी कम लगेगा। चाबहार बंदरगाह के क्षेत्रीय व्यापार का केंद्र बनने से ईरान, भारत और क्षेत्रीय देशों को बड़ा लाभ होगा।
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