ईरान ने पैगंबर मोहम्मद मामले में डिलीट किया ट्वीट, NSA डोभाल संग मीटिंग और दोषियों को 'सख्त सजा' का किया था दावा
भारत ने गुरुवार को एक बार फिर दोहराते हुए कहा है कि बीजेपी के पूर्व नेताओं की तरफ से पैगंबर मोहम्मद को लेकर जो भी टिप्पणी की गई है, वह सरकार के विचार नहीं हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत ने गुरुवार को एक बार फिर दोहराते हुए कहा है कि बीजेपी के पूर्व नेताओं (Prophet Muhammad Remarks) की तरफ से पैगंबर मोहम्मद को लेकर जो भी टिप्पणी की गई है, वह सरकार के विचार नहीं हैं. इस बीच ईरान ने भी इस मामले से जुडे़ एक ट्वीट को डिलीट कर दिया है. जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है. सत्ताधारी बीजेपी (BJP) के दो पूर्व नेताओं के बयान की खाड़ी देशों ने खूब निंदा की है. वहां इनकी टिप्पणियों का खूब विरोध हो रहा है. बीजेपी ने दोनों नेताओं में से एक को पार्टी से निलंबित कर दिया है, जबकि दूसरे को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
वहीं ईरान ने अपने विदेश मंत्री आमिर हुसैन अब्दुल्लाहिन की एनएसए अजीत डोभाल के साथ हुई बैठक का रीडआउट डिलीट कर दिया है. जिसमें कहा गया था कि ये मामला (पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी) भारत और डोभाल के समक्ष उठाया गया था. जिन्होंने तहरान को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं दूसरी तरफ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'हमने ये साफ कर दिया है कि वह ट्वीट और बयान भारत सरकार के विचार नहीं हैं.'
रीडआउट को हटाया गया है- बाग्ची
बाग्ची ने कहा है, 'हमने अपने वार्ताकारों को भी अवगत कराया है कि संबंधित क्वार्टर्स द्वारा उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिन्होंने ट्वीट किए या बयान दिए हैं. मेरे पास इसपर बताने के लिए इसके अलावा और कुछ नहीं है.' डोभाल के साथ हुई बैठक को लेकर ईरान ने जो बयान जारी किया है, उसपर पूछे गए सवाल के जवाब में बाग्ची ने कहा, 'मुझे यही पता है कि आप जिस रीडआउट की बात कर रहे हैं, उसे हटा दिया गया है.' हालांकि ईरान का सरकारी मीडिया इस रीडआउट में कही बातों को लगातार दिखा रहा है.दा
इन देशों ने भारतीय राजदूतों को तलब किया
कतर, ईरान और कुवैत ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणियों को लेकर भारतीय राजदूतों को तलब किया था. खाड़ी के महत्वपूर्ण देशों ने इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. कतर और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, राजदूत ने बताया कि वे ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. ये हाशिए के तत्वों के विचार हैं. प्रवक्ता ने कहा कि कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की है, जिसमें भारत में व्यक्तियों द्वारा दूसरे धर्म के पूजनीय लोगों को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंता व्यक्त की गई है.