ईरान ने ब्रिटेन के उपराजदूत को जासूसी के आरोप में किया गिरफ्तार, मिट्टी का नमूना ले रहे थे संदिग्ध : IRGC

ईरान में यूनाइटेड किंगडम के मिशन के उप प्रमुख जाइल्स व्हिटेकर और कई दूसरे शिक्षाविदों को जासूसी के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया।

Update: 2022-07-07 00:58 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईरान में यूनाइटेड किंगडम के मिशन के उप प्रमुख जाइल्स व्हिटेकर (Giles Whitaker) और कई दूसरे शिक्षाविदों (Academics) को जासूसी के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया। द जेरूसलम पोस्ट के मुताबिक, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कार्प्स (IRGC) ने मिसाइल अभ्यास के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र से जासूसी करने और मिट्टी के नमूने लेने के दावे पर इन राजनयिकों को हिरासत में लिया। आइआरजीसी (IRGC) ने वीडियो फुटेज जारी करते हुए दावा किया कि व्हिटेकर को उस जगह के नजदीक दिखाया गया, जहां ईरानी सेना मिसाइल अभ्यास कर रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उप राजदूत ने माफी मांग ली है और उन्हें निष्कासित कर दिया गया है।

संदिग्ध ने कुछ इलाकों में मिट्टी का नमूना लिया: आइआरजीसी
द जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, आइआरजीसी (IRGC) द्वारा हिरासत में लिए गए संदिग्धों में से एक व्यक्ति ने विश्वविद्यालय के साथ वैज्ञानिक आदान-प्रदान के तहत देश में प्रवेश किया था। आइआरजीसी ने यह भी दावा किया कि संदिग्ध ने कुछ इलाकों में मिट्टी का नमूना लिया है। आइआरजीसी ने आगे जानकरी दी कि राजनयिकों का उपयोग अक्सर सैन्य स्थलों की तलाश करने और उपकरण और युद्ध सामग्री की पहचान करने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजनयिकों का इस्तेमाल 'अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IIA) में ईरान की फाइल के सैन्य पहलुओं से संबंधित एक नया मामला बनाने के लिए किया जा रहा था। बता दें कि यह उच्च स्तरीय गिरफ्तारी तब हुई है जब ईरान और विश्व शक्तियों के बीच जेसीपीओए परमाणु समझौते (JCPO) पर लौटने का प्रयास फिलहाल रुका हुआ है।
अमेरिका ने किया था जेसीपीओए परमाणु समझौते से ईरान को बाहर
बता दें कि ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर किए और देश पर प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिए सहमत हुए। हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने मई 2018 में वाशिंगटन को समझौते से बाहर कर दिया और ईरान पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिए, जिससे ईरान ने समझौते के तहत अपनी कुछ प्रतिबद्धताओं को छोड़ दिया।
अमेरिका समझौते पर लौटने से पहले प्रतिबंध हटाने को तैयार नहीं: ईरान
बताते चलें कि ईरानी परमाणु वार्ता अप्रैल 2021 में वियना में शुरू हुई थी लेकिन इस साल मार्च में तेहरान और वाशिंगटन के बीच राजनीतिक मतभेदों के कारण स्थगित कर दी गई थी। अमेरिका ने शिकायत की है कि ईरान ने जेसीपीओए सौदे से असंबंधित नई मांगों को सामने लेकर खड़े हैं, जबकि ईरानी अधिकारियों ने शिकायत की है कि अमेरिका समझौते पर लौटने से पहले प्रतिबंध हटाने को तैयार नहीं है। ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एसएनएससी) के सचिव अली शामखानी (Ali Shamkhani) ने बुधवार को कहा कि ईरान के खिलाफ 'दमनकारी' अमेरिकी प्रतिबंधों को इस तरह से हटाया जाना चाहिए कि सभी देश अपने दीर्घकालिक हितों को बनाए रखते हुए ईरान में आसानी से निवेश कर सकें।
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