इस्लामाबाद। पाकिस्तान में उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई) की दर 38 प्रतिशत के अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाने-पीने की वस्तुओं, मकान किराया, बिजली और गैस बिल और परिवहन सेवाओं की आसमान छूती कीमतों के कारण महंगाई दर में यह जबरदस्त तेजी देखी गई है। डॉन न्यूज ने पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि खराब न होने वाले खाद्य पदार्थ और परिवहन लागत मई 2022 की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई। मई के आंकड़ों को शामिल करने के बाद चालू वित्त वर्ष में औसत मुद्रास्फीति 29.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
वित्त मंत्रालय ने मई में मुद्रास्फीति की दर 34-36 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था, लेकिन देश में व्याप्त राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह उससे भी आगे निकल गई।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, वर्षों के वित्तीय कुप्रबंधन, रुपये के अवमूल्यन और आईएमएफ फंडिंग को अनलॉक करने में सरकार की विफलता ने भी वार्षिक मूल्य वृद्धि को रिकॉर्ड ऊंचाई तक ले जाने में भूमिका निभाई है।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि एक साल पहले के मुकाबले इस साल मई में 20 किलो गेहूं के आटे के बैग की औसत कीमत दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर लगभग 2,700 पाकिस्तानी रुपये हो गई।
जिंदा मुर्गे की औसत कीमत 38.6 प्रतिशत बढ़कर 435 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम, दूध की 41 प्रतिशत बढ़कर 170 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर और अंडों की 85 प्रतिशत बढ़कर 280 पाकिस्तानी रुपये प्रति दर्जन हो गई।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, दालें और सब्जियां भी महंगी हो गई हैं।
हालांकि, जून से महंगाई दर में नरमी की उम्मीद है।(आईएएनएस)