इंडोनेशिया की संसद ने राजधानी बदलने वाले बिल पर लगाई मुहर, पुरानी को छोड़ अब नई वाली का नाम याद कर लीजिए

अब तक आप इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पढ़ते आए हैं, लेकिन अब आपको अपने इस ज्ञान को अपडेट करना होगा, क्योंकि इस मुस्लिम देश ने अपनी कैपिटल बदलने वाले बिल पर मुहर लगा दी है.

Update: 2022-01-19 01:03 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अब तक आप इंडोनेशिया की राजधानी (Indonesia Capital) जकार्ता (Jakarta) पढ़ते आए हैं, लेकिन अब आपको अपने इस ज्ञान को अपडेट करना होगा, क्योंकि इस मुस्लिम देश ने अपनी कैपिटल बदलने वाले बिल पर मुहर लगा दी है. नई राजधानी बोर्नियो द्वीप (Borneo island) के इंडोनेशियाई हिस्से में स्थित पूर्वी कालीमंतन (Kalimantan) में होगी और इसका नाम नुसंतारा (Nusantara) होगा. ये क्षेत्र जंगल से घिरा हुआ है.

इस वजह से लिया फैसला
संसद ने राजधानी बदलने वाले बिल को मंगलवार को मंजूरी दे दी है और जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा. जकार्ता में बढ़ता ट्रैफिक बोझ, जगह की कमी, भूकम्प, बाढ़ और आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है. नेशनल डेवलपमेंट प्लानिंग मिनिस्टर सुहार्सो मोनोआर्फा ने कहा कि राजधानी को कालीमंतन शिफ्ट करना कई चिंताओं और क्षेत्रीय लाभों पर आधारित है.
तेजी से डूब रहा है जकार्ता

राष्ट्रपति जोको विडोडो (President Joko Widodo) ने 2019 में राजधानी को शिफ्ट करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि जकार्ता की पर्यावरणीय और आर्थिक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए कैपिटल को कालीमंतन ले जाया जाएगा. बता दें कि जकार्ता समुद्र के नजदीक है और इसके बाढ़ में डूबने का खतरा हमेशा बना रहता है. इतना ही नहीं, वर्ल्ड इकनोमिक फोरम के अनुसार ये दुनिया का सबसे तेजी से डूबता शहर भी बन गया है.
2024 तक पूरा होगा काम
जकार्ता की आबादी भी लगातार बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ बढ़ रहा है. ये शहर करीब 10 मिलियन लोगों का घर है और इस संख्या धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है. राष्ट्रीय योजना और विकास एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक, नई राजधानी के लिए कुल भूमि क्षेत्र लगभग 256,143 हेक्टेयर (लगभग 2,561 वर्ग किलोमीटर) होगा. इस प्रोजेक्ट के 2024 में पूरा होने की उम्मीद है और इस पर 32 बिलियन डॉलर से अधिक का खर्चा आएगा.
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