दिल्ली: इंडोनेशिया की नौसेना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को मजबूत करने के लिए इंडोनेशिया नौसेना भारतीय सबमरीन आईएनएस सिंधुकेसरी का जकार्ता में स्वागत करती है।’
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसा पहली बार है कि इतनी दूरी पर सबमरीन को तैनात किया गया है। इससे भारतीय नौसेना की पानी के अंदर युद्ध लड़ने की क्षमताओं का सहज अंदाजा लग सकता है।
भारत आसियान देशों की मदद कर रहा है और यह उसकी चीन का मुकाबला करने की नीति का हिस्सा है। भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाएं मिलकर इंटरनेशनल मेरीटाइम सीमा में साथ मिलकर पेट्रोलिंग भी करती हैं। पिछले साल ही भारत ने इंडोनेशिया के साथ मिलकर दो बार पेट्रोलिंग की।
इंडोनेशिया में भारतीय सबमरीन की तैनाती इस लिए अहम है क्योंकि दक्षिणी चीन सागर के बड़े हिस्से पर चीन अपना दावा करता है। इसे लेकर अन्य आसियान देशों इंडोनेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताईवान और ब्रूनेई के साथ चीन का विवाद भी चल रहा है।
दरअसल, ये देश भी दक्षिणी चीन सागर के कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। यही वजह है कि दक्षिणी चीन सागर को लेकर तनाव बना हुआ है और चीन ने यहां एकतरफा कार्रवाई करते हुए कई कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर लिया है और इन द्वीपों पर अपनी नौसेना को तैनात कर दिया है।
इंडोनेशिया के तट पर भारतीय सबमरीन की तैनाती ऐसे समय हो रही है, जब बीते हफ्ते ही फिलीपींस के 21 मरीन जवानों ने ब्रह्मोस की एंटी शिप सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ट्रेनिंग पूरी की है।
23 जनवीर से 11 फरवरी तक चली इस ट्रेनिंग में फिलीपींस के नौसैनिकों को ब्रह्मोस के ऑपरेशन और मेंटिनेंस आदि की जानकारी दी गई।
भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल बेची हैं। बीते दिनों भारत ने सिंगापुर की नौसेना के साथ भी अग्नि वॉरियर नाम से युद्धाभ्यास किया था। साथ ही मलेशिया और इंडोनेशिया के साथ भी भारत की सेनाएं युद्धाभ्यास कर चुकी हैं।
दक्षिणी चीन सागर को लेकर चीन का कई आसियान देशों के साथ विवाद चल रहा है। इस बीच भारत ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पहली बार अपनी सबमरीन इंडोनेशिया भेजी है।
बता दें कि भारतीय सबमरीन आईएनएस सिंधुकेसरी भारत की नीति आसियान देशों में कूटनीतिक और सैन्य पहुंच को बढ़ाने के तहत इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंची है। 3000 टन वजनी आईएनएस सिंधुकेसरी बुधवार को सुंदा खाड़ी से होते हुए जकार्ता पहुंची।