भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने UNSC में कहा- वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में भारत अपनी उचित भूमिका निभाएगा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे नेक हा कि भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में अपनी उचित भूमिका निभाएगा।

Update: 2022-07-19 02:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे नेक हा कि भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में अपनी उचित भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को नहीं रोका गया तो अर्थव्यवस्था में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

न्यूयार्क सिटी, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट पर उच्च स्तरीय विशेष कार्यक्रम में प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने, समानता बनाए रखने, करुणा प्रदर्शित करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में अपनी उचित भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य-आधारित सुरक्षा जाल कार्यक्रम चला रही है, जिसने कल्याण से अधिकार-आधारित दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव देखा है।
कोविड-19 के दौरान 80 करोड़ लोगों की सहायता
स्नेहा दुबे ने कहा, 'कोविड-19 के दौरान लक्षित वितरण हासिल करने के लिए सरकार द्वारा 80 करोड़ लोगों को खाद्य सहायता और 40 करोड़ लोगों को नकद हस्तांतरण मुहैया कराया गया।' भारत का मध्याह्न भोजन कार्यक्रम स्वस्थ भोजन के प्रावधान को सुनिश्चित करके स्कूली बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिए जारी है।
'महिलाओं और बच्चों के लिए शुरू किया गया पोषण अभियान'
प्रथम सचिव ने अपने बयान में कहा, 'विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों सहित कमजोर समूहों के लिए एक पोषण अभियान भी शुरू किया गया है। हमारी फार्म-टू-टेबल डिजिटल पहल में किसान पोर्टल, कृषि-सलाहकार सेवाएं, कृषि वस्तुओं का आनलाइन नेटवर्क, मूल्य पूर्वानुमान और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए ब्लाकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल हैं।
अफगानिस्तान को गेहूं दान कर रहा है भारत
अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति को देखते हुए भारत अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं दान कर रहा है। दुबे ने कहा, 'भारत ने म्यांमार के लिए अपना मानवीय समर्थन जारी रखा है, जिसमें 10,000 टन चावल और गेहूं का अनुदान भी शामिल है। हम इस कठिन समय के दौरान खाद्य सहायता सहित श्रीलंका की भी सहायता कर रहे हैं।'
'वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है भारत'
भारत ने पिछले तीन महीनों में यमन को 250,000 टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया है। स्नेहा दुबे ने यह भी कहा कि भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और वर्षों से विभिन्न मानवीय संकटों के जवाब में संयुक्त राष्ट्र के केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (सीईआरएफ) और यूएनओसीएचए में भी योगदान दिया है। उन्होंने कहा, 'वर्ष 2023 को 'अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष' घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव की अगुवाई का उद्देश्य इसी तरह की खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना था।'
'यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को हल नहीं किया गया तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम'
भारत ने कहा कि अगर यूक्रेन में संघर्ष को तुरंत बातचीत के माध्यम से हल नहीं किया गया, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में गंभीर परिणाम होंगे जो 2030 तक खाद्य सुरक्षा हासिल करने और भूख मिटाने के प्रयासों को पटरी से उतार देंगे।
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