ऑस्ट्रेलिया में पांच साल में 48 फीसदी बढ़े भारतीय, पिछली जनसंख्या के बाद आए 10 लाख अप्रवासियों में से दो लाख से ज्यादा रही तादाद
ऑस्ट्रेलिया की आबादी दो करोड़ 57 लाख से ज्यादा हो गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑस्ट्रेलिया की आबादी दो करोड़ 57 लाख से ज्यादा हो गई है। ताजा जनगणना के मुताबिक, देश में भारतीय मूल के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऑस्ट्रेलिया में 27 प्रतिशत से ज्यादा (27.6 फीसदी) लोग ऐसे हैं, जिनका जन्म विदेशों में हुआ है। विदेश में जन्में लोगों में भारतीयों की संख्या में 2,17,963 लोगों (सबसे अधिक) की वृद्धि हुई है।
भारत ने चीन और न्यूजीलैंड को पीछे छोड़ दिया है। इसके बाद अब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे नंबर पर आ गया है। मंगलवार को जारी ऑस्ट्रेलिया की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, देश की लगभग आधी आबादी (48.6 प्रतिशत) ऐसी है जिनके माता या पिता में से कम से कम कोई एक विदेश में जन्मा था। साल 2017 की जनगणना के बाद से देश में दस लाख से ज्यादा (1,020,007) आप्रवासी आकर बसे हैं।
सबसे ज्यादा विदेशी आप्रवासी भारत से आए हैं। दूसरी सबसे ज्यादा वृद्धि नेपाली मूल के लोगों की संख्या में हुई है। ऑस्ट्रेलिया में नेपालियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा (123.7 फीसदी) बढ़ी है और 2016 के बाद से 67,752 ज्यादा लोग नेपाल से आकर ऑस्ट्रेलिया में बसे हैं।
भारतीयों की आबादी बढ़ी
2016 के बाद से ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की आबादी में लगभग 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस जनगणना के मुताबिक, 2021 में एक जून को देश में 6,73,352 लोग रह रहे थे। जो कि 2016 की संख्या (4,55,389) से 47.86 प्रतिशत ज्यादा थे।
शीर्ष स्थान पर बिटिश मूल के लोग
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मूल के लोगों की संख्या में सबसे पहला स्थान ब्रिटिश मूल के लोगों का है, जिनकी आबादी 33 प्रतिशत है। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई (29.9 प्रतिशत), आयरिश (9.5 प्रतिशत), स्कॉटिश (8.6 प्रतिशत) और चीनी (5.5 प्रतिशत) मूल के लोगों का नंबर है।
न्यू साउथ वेल्स में सबसे अधिक आबादी
ताजा जनगणना के मुताबिक, न्यू साउथ वेल्स अब देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है। यहां 31.8 प्रतिशत आबादी रहती है। लेकिन पिछले पांच साल में सबसे अधिक आबादी देश की राजधानी कैनबरा की बढ़ी है, जहां अब 14 प्रतिशत लोग ज्यादा रहते हैं। वहीं, सबसे अधिक शहरी लोग वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया राज्य में रहते हैं, जहां की ग्रामीण आबादी सिर्फ 20 प्रतिशत है। जबकि सबसे अधिक ग्रामीण आबादी तस्मानिया राज्य में रहती है।
अंग्रेजी से इतर भाषा बोलने वालों की संख्या बढ़ी
अपने घरों में अंग्रेजी से इतर कोई और भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या 7,92,062 बढ़ गई है और अब करीब 56 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिनके घर में अंग्रेजी के अलावा कोई और भाषा बोली जाती है। लगभग साढ़े आठ लाख लोग तो ऐसे हैं अंग्रेजी बोल ही नहीं पाते हैं।