भारतीय मूल के रिसर्चर ने दी ये सलाह, कोरोना संक्रमण से लड़ने में मददगार हो सकती है 'ग्रीन टी'
संक्रामक रोगों के खिलाफ कुदरती उत्पाद अब भी अहम स्रोत हैं।'
महामारी से जूझ रही दुनिया में कोरोना संक्रमण से बचाव व इसके इलाज को लेकर रिसर्च जारी है। इस क्रम में रिसर्चरों की एक टीम ने ग्रीन टी में मौजूद एक तत्व का जिक्र किया है और उसे कोविड-19 से लड़ने में सफल बताया है। इस रिसर्च में शामिल भारतीय मूल के सुरेश मोहन कुमार (Suresh Mohankumar) ने ऊटी के जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी में भी रहे हैं।
ग्रीन टी के फायदे से हर कोई अवगत है। इसके सेवन से न सिर्फ वजन घटाने में मदद मिलती है बल्कि हृदय रोग का खतरा तक कम हो सकता है। अब कोरोना वायरस (कोविड-19) से जंग में भी यह अहम साबित हो सकती है। एक नए अध्ययन का दावा है कि ग्रीन टी के सेवन से इस खतरनाक वायरस से मुकाबले में मदद मिल सकती है। ब्रिटेन की स्वानसी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इस बात को परख रहे हैं कि ग्रीन टी के जरिये इस वायरस से निपटने में सक्षम दवा कैसे विकसित की जा सकती है।
आरएससी एडवांस पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार, कोरोना से निपटने में ग्रीन टी मददगार हो सकती है। दरअसल ग्रीन टी में गैलोकैटेचिन नामक कंपाउंड पाया जाता है। इस कंपाउंड की मदद से एक ऐसी दवा विकसित हो सकती है, जो कोरोना का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 वायरस से मुकाबला कर सकती है।
अध्ययन से जुड़े डा. सुरेश मोहन कुमार ने कहा, 'हमारे नतीजों से जाहिर होता है कि ग्रीन टी में पाए जाने वाला एक कंपाउंड कोरोना वायरस से मुकाबला कर सकता है।' स्वानसी यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर सुरेश ने बताया कि अभी यह शोध शुरुआती दौर में है। इसमें अभी लंबा समय लगेगा, लेकिन ग्रीन टी के गैलोकैटेचिन कंपाउंड में भरपूर संभावना दिखी है। इस अध्ययन से जुड़े प्रोफेसर एंड्रयू मौरिस ने कहा, 'इस उत्साहजनक शोध से जाहिर होता है कि संक्रामक रोगों के खिलाफ कुदरती उत्पाद अब भी अहम स्रोत हैं।'