भारत ने रूस के खिलाफ की वोटिंग, जानिए कारण

Update: 2022-10-11 09:51 GMT

नई दिल्ली: भारत ने यूक्रेन संकट मामले में रूस को एक बार फिर से झटका देते हुए पुतिन की गुप्त मतदान वाली मांग को खारिज कर दिया है। दरअसल, यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अवैध कब्जे को लेकर रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव में रूस की निंदा करने के लिए खुले मतदान की मांग की गई लेकिन पुतिन इसके लिए गुप्त मतदान की मांग पर अड़े थे जिसे भारत ने खारिज कर दिया है और खिलाफ जाकर वोटिंग भी कर दी है। बता दें कि यह मसौदा प्रस्ताव अल्बानिया द्वारा लाया गया है।

भारत सहित 107 देशों ने रूस के खिलाफ किया मतदान: भारत सहित संयुक्त राष्ट्र के 107 सदस्य देशों ने रिकॉर्ड वोट के पक्ष में मतदान करने के बाद गुप्त मतदान के लिए मास्को की मांग को खारिज कर दिया था। वहीं केवल 13 देशों ने गुप्त मतदान के लिए रूस के आह्वान के पक्ष में मतदान किया जबकि 39 ने भाग नहीं लिया। रूस और चीन उन देशों में शामिल थे जिन्होंने मतदान नहीं किया।

रूसी प्रतिनिधि ने महासभा के अध्यक्ष पर ही उठा दिए सवाल: रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता एक अपमानजनक धोखाधड़ी का गवाह बन गई है जिसमें दुर्भाग्य से महासभा के अध्यक्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया लेकिन संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य राज्यों को स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार दिया जा रहा है।

पिछले महीने भारत वोटिंग से दूर रहा था: बता दे कि पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अल्बानिया की ओर पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव पर भारत मतदान से दूर रहा था। इस प्रस्ताव में रूस के अवैध जनमत संग्रह और यूक्रेनी क्षेत्रों पर उसके कब्जे की निंदा की गई थी। इस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस, यूक्रेन से अपने सैन्य बलों को तत्काल वापस बुलाए।

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