संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोला भारत, 'रूस-यूक्रेन युद्ध में मासूमों का खून बहाकर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता'

यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान बातचीत का मुद्दा एक बार संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में उठाया गया है.

Update: 2022-04-28 01:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia Ukraine War) के दौरान बातचीत का मुद्दा एक बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNSC) की बैठक में उठाया गया है. भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर रवींद्र ने UNSC की बैठक में कहा, हमारा मानना ​​है कि मासूमों का खून बहाकर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है. हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और बातचीत के रास्ते को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है. यूक्रेन (Ukraine) पर यूएनएससी अररिया-फॉर्मूला की बैठक में राजदूत आर रवींद्र ने ये बात कही है. उन्होंने आगे कहा, हम मॉस्को और कीव सहित इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चल रही यात्रा का स्वागत करते हैं. भारत यूडीएचआर का मसौदा तैयार करने सहित अपनी स्थापना से ही मानवाधिकारों की रक्षा करने में सबसे आगे रहा है. हमारा दृढ़ विश्वास है कि उचित प्रक्रिया का सम्मान करते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए.

वहीं इससे पहले वीटो के उपयोग के मामले में संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए स्थायी जनादेश पर संकल्प में भारत ने अपना नजरिया दुनिया के सामने रखा.आर रवींद्र ने कहा कि वीटो का उपयोग करने का विशेषाधिकार केवल पांच सदस्य देशों को दिया गया है. यूएनजीए इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकता है, क्योंकि प्रभावी रूप से पी-5 के पास वीटो है. सभी 5 स्थायी सदस्यों ने अपने-अपने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए पिछले 75 वर्षों में वीटो का उपयोग किया है.
'नए स्थायी सदस्यों को भी दिया जाए वीटो का अधिकार'
आर रवींद्र ने आगे कहा, जैसा कि हमारे अफ्रीकी भाइयों और बहनों द्वारा कहा जाता है, यह देशों की संप्रभु समानता की अवधारणा के खिलाफ है और द्वितीय विश्व युद्ध की मानसिकता को कायम रखता है. या तो मतदान के अधिकार के संदर्भ में सभी के साथ समान व्यवहार किया जाए या फिर नए स्थायी सदस्यों को भी वीटो का अधिकार दिया जाना चाहिए.
यरूशलम हिंसा को लेकर जताई चिंता
बैठक में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने यरूशलम के पवित्र स्थानों पर हुई हिंसा का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान यरूशलम के पवित्र स्थानों पर हुई घटनाओं से हम बहुत चिंतित हैं. यरूशलम की ऐतिहासिक यथास्थिति का सम्मान किया जाना चाहिए. इसे बरकरार रखा जाना चाहिए. आर रवींद्र ने कहा कि रुकावट और बर्बरता के सभी कार्य जो पवित्र स्थानों की पवित्रता का उल्लंघन करते हैं, चाहे वह यरूशलेम में हो या कहीं और हो, इसकी स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए. हम शांति बहाल करने के सभी स्टेप का समर्थन करते हैं.

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