PM मोदी के दहल यात्रा से पहले भारत ने समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना बनाई
काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की भारत की आगामी यात्रा के दौरान, दोनों पड़ोसी देश कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं। काठमांडू में विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रचंड के नाम से लोकप्रिय दहल 31 मई को चार दिवसीय यात्रा पर भारत जाएंगे। पिछले साल दिसंबर में कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा है।मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दहल का दौरा पीएम नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर हो रहा है। प्रचंड के साथ उनकी बेटी गंगा दहल और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और उच्च पदस्थ अधिकारी होंगे।
नेपाली अधिकारियों के मुताबिक, एक जून को प्रचंड और मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद कई समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। प्रचंड के मुख्य राजनीतिक सलाहकार हरिबोल गजुरेल ने कहा कि यात्रा के दौरान नेपाली पक्ष पोखरा और भैरहवा में अपने दो नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के उपयोग के लिए भारतीय क्षेत्र के माध्यम से एक हवाई प्रवेश मार्ग की तलाश करेगा।
स्थानीय मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में गजुरेल ने कहा कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय ऊर्जा व्यापार और 1996 में हस्ताक्षरित पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना के निष्पादन पर भी चर्चा करेंगे, लेकिन द्विपक्षीय सीमा विवाद के समाधान की तलाश में कोई ठोस प्रगति नहीं होगी। गजुरेल ने कहा, सीमा विवाद का मुद्दा इस दौरे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता, जो थोड़ा जटिल मसला है।
नेपाल और भारत का भारत के उत्तराखंड क्षेत्र में सीमा विवाद है जो नेपाल के दाचुर्ला जिले में पड़ता है। साल 2019 में प्रकाशित भारतीय राजनीतिक नक्शा (मानचित्र) के जवाब में नेपाल सरकार ने मई 2020 में कालापानी, लिपु लेख और लिंपियाधुरा को अपने नक्शे के अंदर शामिल करते हुए एक नया नक्शा जारी किया था, जिस पर वर्तमान में भारत का कब्जा है।