भारत: अफगानिस्‍तान के शांति प्रकिया में खूट डाल रहे हैं पाकिस्‍तान के आतंकी समूह

आतंकी समूह अब डूरंड रेखा के पार कुनार और नंगरहार प्रांतों में स्थानांतरित हो रहे हैं।

Update: 2021-02-11 13:37 GMT

भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान पर तीखा हमला किया, जिसमें कहा गया कि इस्लामाबाद आतंकी संगठनों अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवंत खुरासान प्रांत (आईएसआईएल के) के जरिए हिंसक हमलों को अंजाम देकर अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को बाधित कर रहा है। आतंकी समूह अब डूरंड रेखा के पार कुनार और नंगरहार प्रांतों में स्थानांतरित हो रहे हैं।


भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति को मंगलवार को सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग पर कहा कि यह जरूरी है कि हम इस लड़ाई को आसानी से न हारें। हक्कानी नेटवर्क और उसके समर्थकों को विशेष रूप से पाकिस्तानी अधिकारियों ने दक्षिण एशिया में अल कायदा, आईएसआईएल के, तहरीक-तालिबान पाकिस्तान आदि जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठनों के साथ काम किया है। आतंकवादी गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को लेकर खतरा बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव की रिपोर्ट में बताया गया है कि अल कायदा, लश्‍कर ए तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठन को बचाने के लिए आईएसआईएल को बनाया गया है। पाकिस्तान के अन्य आतंकवादी समूहों जैसे जैश ए मोहम्मद और अग्रगामी संगठनों के साथ मिलकर धन इकट्ठा करने और अन्‍य गतिविधियों में शामिल है।
भारतीय दूत ने कहा कि दुनिया इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि ये समूह पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकानों से आतंकवादी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहे हैं, जिसमें अफगानिस्तान में हिंसक हमलों के माध्यम से शांति प्रक्रिया को बाधित करना भी शामिल है। हम अफगानिस्तान में विशेषकर कुंअर और नंगरहार प्रांतों में डूरंड रेखा के पार आतंकी समूहों के स्थानांतरण के भी गवाह हैं।

तिरुमूर्ति ने जनवरी एसेंबली के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर की आठ-सूत्रीय कार्य योजना को दोहराया जो राजनीतिक इच्छाशक्ति को सम्‍मान करना शामिल था। जिसमें कहा गया है है कि आतंकवाद का औचित्य साबित मत करो, आतंकवादियों का महिमामंडन मत करो और कोई दोहरा मापदंड नहीं। आतंकवादी आतंकवादी हैं। कोई अच्छा या बुरा भेद नहीं बनाया जा सकता है।


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