कई देशों को मुफ्त कोरोना की दवा मुहैया करा रहा है भारत, चीन को इस बात का डर, उठाए Vaccine पर सवाल

भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी से चीन किस कदर बौखला गया है कि

Update: 2021-01-25 08:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी (Vaccine Diplomacy) से चीन किस कदर बौखला गया है कि इसका अंदाजा ग्लोबल टाइम्स (Global Times) में छपे एक लेख से लगाया जा सकता है. चीन (China) की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र में न केवल भारत के 'मानवीय अभियान' के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया है बल्कि भारत की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर भी सवाल उठाए गए हैं. दरअसल, भारत भूटान सहित कई देशों को कोरोना वैक्सीन बतौर गिफ्ट प्रदान कर चुका है. मुश्किल वक्त में भारत के इस प्रयास की हर तरफ सराहना हो रही है. नेपाल, भूटान से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक नई दिल्ली की तारीफों के पुल बांध चुके हैं, जो चीन से हजम नहीं हो रहा है.


Afghanistan से चल रही बात
भारत श्रीलंका और पाकिस्तान को छोड़कर सभी सार्क देशों को सीरम इंस्टीट्यूट (SII) की कोविशिल्ड (Covishield) वैक्सीन गिफ्ट कर चुका है. जबकि अफगानिस्तान के साथ वैक्सीन को लेकर बातचीत जारी है. भारत का कहना है कि अफगानिस्तान में स्थानीय रेगुलेटर की तरफ से वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाने के बाद उसे वैक्सीन की खेप की सप्लाई की जाएगी. नई दिल्ली ने अफगानिस्तान को भरोसा दिलाया है कि वह उसकी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है. जाहिर है मोदी सरकार ने इन प्रयासों से भारत के सभी देशों से रिश्ते मजबूत होंगे, यही चीन (China) की चिंता की सबसे बड़ी वजह है.
Study पूरी नहीं करने का आरोप
ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने सीरम इंस्टीट्यूट में अग्निकांड के बाद भारत की वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग क्षमता पर सवाल उठाए हैं. अखबार ने यह भी दावा किया है कि चीन में रहने वाले भारतीय चीनी वैक्सीन को तरजीह दे रहे हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के हवाले से अखबार ने लिखा है कि पेशेंट्स राइट्स ग्रुप 'ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क' का कहना है कि सीरम ने कोविशील्ड को लेकर ब्रीजिंग स्टडी (Bridging Study) को पूरा नहीं किया है.

करीबी ने दिया China को झटका
भारत के प्रयासों के उलट चीन ने बहुत कम और खासकर उन देशों को वैक्सीन का ऑफर दे रहा है, जहां उसे कोई फायदा नजर आ रहा है. वहीं, नेपाल मे ड्रग रेगुलेटर ने अभी तक चीनी वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है. उधर, मालदीव सरकार के सूत्रों का कहना है कि चीन की तरफ से COVID-19 वैक्सीन की सप्लाई को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं. चीन के लिए सबसे बुरी बात यह है कि उसके करीबी कंबोडिया ने भी भारत से वैक्सीन देने का आग्रह किया है. न्यूज एजेंसी Reuters की एक रिपोर्ट में पिछले हफ्ते कहा गया था कि टीके की सप्लाई को लेकर बांग्लादेश के साथ चीन का गतिरोध है.

आग से प्रभावित हुआ विश्वास

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है कि सीरम में लगी आग की वजह से वैक्सीन को लेकर लोगों का विश्वास प्रभावित हुआ है और उत्पादन पर भी असर पड़ा है. लेख में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि भारत की वैक्सीन मुख्य तौर पर दक्षिण एशियाई देशों को बतौर राहत प्रदान की गई है और अधिकांश देश वैक्सीन की गुणवत्ता संबंधी चिंताओं की चलते उसे नहीं खरीद रहे.


Tags:    

Similar News

-->