भूकंप से प्रभावित तुर्किए में भारतीय सेना और (एनडीआरएफ) की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। भारतीय सेना भूकंप प्रभावित इलाकों में फील्ड हॉस्पिटल बनाने के साथ-साथ अन्य तरीकों से भी मदद का समाधान ढूंढ़ने में लगी हुई है। इसी क्रम में कैप्टन करण सिंह और सब पीजी सप्रे सहित सेना की एक टीम ने एक नेटवर्क-स्वतंत्र, रीयल टाइम ट्रैकिंग और मैसेजिंग मॉड्यूल- 'संचार' विकसित किया है, जिसका उपयोग सभी रक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों द्वारा युद्ध क्षेत्र में अपनी टीम के सदस्यों और संपत्तियों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। अब इसी संचार प्रणाली का उपयोग तुर्किये में उन क्षेत्रों में भी किया जा रहा है जहां स्थानीय आबादी को राहत देने के लिए भारतीय सेना की टीमों को तैनात किया गया है।
Earthquake से अब तक 41 हजार लोगों की मौत
बता दें कि छह फरवरी को तुर्किए और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake) के एक हफ्ते से भी अधिक समय के बाद भी मलबे के भीतर से शव बरामद हो रहे हैं। मरने वालों की संख्या 41,000 के आंकड़े को पार कर गई है, दक्षिणी तुर्की में मलबे के नीचे से अभी भी आवाजें सुनाई दे रही हैं, और अधिक जीवित बचे लोगों को खोजने की उम्मीद की एक हल्की किरण की पेशकश कर रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, नौ लोगों को मंगलवार को तुर्की में मलबे से बचाया गया था और सहायता प्रयास का ध्यान अब आश्रय या पर्याप्त भोजन के बिना संघर्ष कर रहे लोगों की मदद करने के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है।