नई दिल्ली। आतंकवाद से निपटने के लिए भारत-फ्रांस संयुक्त कार्य समूह की 16वीं बैठक सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई। इस दौरान दोनों देशों ने आतंकवाद रोधी सहयोग को मजबूत करने और आतंकवादियों द्वारा नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग तथा आतंक के वित्तपोषण को रोकने के तौर-तरीकों पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (सीटी) के. डी. देवल ने किया, वहीं फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आतंकवाद एवं संगठित अपराध मामलों के विशेष दूत ओलिवियर कैरन ने किया।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक बैठक में दोनों पक्षों ने आतंकवाद रोधी चुनौतियों का आकलन किया, जिसमें आतंकवादियों द्वारा नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग, आतंक संबंधी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग, कट्टरपंथ तथा आतंकी वित्तपोषण जैसे मुद्दे शामिल रहे। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकी खतरों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें दक्षिण एशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में सरकार प्रायोजित तथा सीमा पार आतंकवाद के अलावा अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां भी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा भारत विरोधी अलगाववादी गतिविधियां और आतंक के वित्तपोषण, संगठित अपराध एवं मादक पदार्थ-आतंकवादी नेटवर्क का मुकाबला भी इस चर्चा में शामिल रहा। बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने एनएमएफटी (नो मनी फॉर टेरर) और एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। मंत्रालय ने कहा दोनों पक्षों ने सूचना के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, अभ्यासों और संयुक्त राष्ट्र, एफएटीएफ तथा एनएमएफटी जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के माध्यम से आतंकवाद रोधी सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।