श्रीलंका को भारत ने 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक और खेप वितरित की, आवश्यक दवाएं भी भेजी गई

श्रीलंका अपनी आजादी के बाद सबसे खराब हालातों से जूझ रहा है। गंभीर आर्थिक और ऊर्जा संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने फिर मिली बड़ी मदद।

Update: 2022-05-22 01:05 GMT

फाइल फोटो

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका अपनी आजादी के बाद सबसे खराब हालातों से जूझ रहा है। गंभीर आर्थिक संकट, श्रीलंका, ऊर्जा संकट, श्रीलंका में आर्थिक संकट, भारत, जनता से रिश्ता हिंदी न्यूज़, हिंदी न्यूज़, jantaserishta hindi news, economic crisis, sri lanka, energy crisis, economic crisis in sri lanka, india,

से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने फिर मिली बड़ी मदद। भारत ने शनिवार को ईंधन की कमी को कम करने के लिए श्रीलंका को 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक और खेप की आपूर्ति की है। श्रीलंका में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने इस खबर की सूचना ट्विटर हैंडल के जरिये दी।

श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'श्रीलंका में डीजल प्रदान किया जा रहा है। भारत से क्रेडिट लाइन के तहत डीजल की एक और 40,000 मीट्रिक टन की खेप आज #कोलंबो पहुंच गई।' इस बीच, भारत से 2 बिलियन से अधिक मूल्य के चावल, दूध पाउडर और दवाओं की एक खेप रविवार को कोलंबो पहुंचने वाली है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को चेन्नई से इस खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

श्रीलंका को भेजा गया आवश्यक दवाएं
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'माननीय मुख्यमंत्री @mkstalin ने श्रीलंका के लोगों की मदद के लिए एक मालवाहक जहाज में 9000 मीट्रिक टन चावल, 200 मीट्रिक टन स्प्रिट पाउडर और 24 मीट्रिक टन आवश्यक दवाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।'
इसके अलावा, भारत ने साल की शुरुआत से ऋणग्रस्त द्वीप देश को ऋण, क्रेडिट स्वैप और क्रेडिट लाइनों में 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक प्रदान करने का वादा किया है। भारत ने भी श्रीलंका की नई सरकार के साथ काम करने की इच्छा जताई है।
बताते चलें कि भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती के कारण श्रीलंका आजादी के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
श्रीलंका में आपातकालीन हटाया गया
श्रीलंका की सरकार ने देश में लागू आपातकाल को शुक्रवार आधी रात से हटा दिया। करीब दो सप्ताह तक देश भर में आपातकाल लागू रहा। दरअसल आर्थिक संकट व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण यहां 6 मई की आधी रात से आपातकाल लगाया गया था। प्रतिकूल हालात के बीच देश में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल लागू करने का फैसला किया था।
राष्ट्रपति के सचिवालय का कहना है कि आपातकाल शुक्रवार की मध्य रात्रि से ही हटा लिया गया है। देश में कानून-व्यवस्था की स्थितियों में सुधार के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। आपातकाल ने पुलिस व सुरक्षा बलों को निरोधात्मक कार्रवाई के तहत किसी भी नागरिक को हिरासत में लेने अथवा गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया था। गोटाबाया ने एक महीने बाद ही छह मई की मध्य रात्रि को देश में दूसरी बार आपातकाल लागू कर दिया था।
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