भारत सिंथेटिक ड्रग व्यापार से निपटने के लिए प्रतिबद्ध: Jaishankar

Update: 2024-09-25 12:26 GMT
New York न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को यहां सिंथेटिक ड्रग खतरों से निपटने के लिए वैश्विक गठबंधन के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सिंथेटिक ड्रग्स के अवैध निर्माण और तस्करी से निपटने के वैश्विक प्रयासों में कार्य समूह-1 के सह-अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा भारत लंबे समय से आतंकी समूहों और नार्को-त
स्करी के बीच गठजोड़ से प्रभावित रहा है। सीमा पार के रैकेट हमारे क्षेत्र में ड्रग्स की तस्करी करते हैं, जिससे होने वाली आय से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। भारत ने सहयोग मजबूत करने के लिए 45 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और 27 पूर्ववर्ती रसायनों को घरेलू स्तर पर विनियमित करने के लिए एक मजबूत ढांचा स्थापित किया है।
उन्होंने कहा भारत-अमेरिका के बीच गहरी होती साझेदारी को मान्यता दी जानी चाहिए। हमारे काउंटर नारकोटिक्स वर्किंग ग्रुप की चार बार बैठक हो चुकी है और हाल ही में विलमिंगटन में द्विपक्षीय ड्रग फ्रेमवर्क और एमओयू का निष्कर्ष एक उल्लेखनीय कदम है। भारत सिंथेटिक ड्रग व्यापार से निपटने के लिए परिचालन सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करने और मजबूत कानून प्रवर्तन सहयोग का आह्वान करता है। इस मिशन में एकजुट होने के साथ ही हमें विश्वास है कि हमारा सामूहिक संकल्प और सहयोग सभी के लिए एक सुरक्षित, नशा मुक्त दुनिया का निर्माण करेगा।
यूएनजीए सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका गए जयशंकर ने इसके अलावा सत्र से इतर जी-4 (भारत, जापान, जर्मनी, ब्राजील) के विदेश मंत्रियों और अपने कई वैश्विक समकक्षों से की मुलाकात की। उन्होंने स्पेन, फ्रांस, वेनेजुएला, माल्टा, पनामा, साइप्रस, मोल्दोवा, बोलीविया और गुयाना के अपने समकक्षों के साथ ही जलवायु कार्रवाई के लिए यूरोपीय आयुक्त के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इस दौरान, पश्चिम एशिया और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई, साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए विचारों का आदान-प्रदान भी किया गया।
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