भारत और फ्रांस की नौसेनाओं का अरब सागर में युद्धाभ्यास शुरू...चीन की बढ़ी मुश्किलें

भारत और फ्रांस की नौसेनाओं ने रविवार को अरब सागर में तीन दिवसीय युद्धाभ्यास की शुरुआत की।

Update: 2021-04-26 02:37 GMT

भारत और फ्रांस की नौसेनाओं ने रविवार को अरब सागर में तीन दिवसीय युद्धाभ्यास की शुरुआत की। यह युद्धाभ्यास हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी से उत्पन्न चिंता की पृष्ठभूमि में हो रहा है। फ्रांसीसी नौसेना की ओर से इस युद्धाभ्यास में परमाणु ऊर्जा से चालित विमान वाहक पोत चा‌र्ल्स दि गॉल और उसके पूरे आक्रमण दस्ते को इसमें शामिल किया गया है, जो इस युद्धाभ्यास की गंभीरता को बताता है।

फ्रांसीसी दूतावास ने कहा कि वरुण अभ्यास के 19वां संस्करण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को प्रोत्साहित करने में दोनों देशों के साझा हित और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह विस्तृत द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी का सुबूत है। बयान के मुताबिक युद्धाभ्यास के दौरान विभिन्न तरह के समुद्री अभियान का अभ्यास किया जाएगा। इसका उद्देश्य नौसेनाओं में समन्वय करना है और रणनीतिक क्षेत्र में संयुक्त कार्रवाई की क्षमता हासिल करनी है।

आइएनएस शारदा के जरिये लक्षद्वीप पहुंचाई गईं आवश्यक चिकित्सा वस्तुएं
कोरोना महामारी से निपटने में मदद करने के लिए भारतीय नौसेना के पोत आइएनएस शारदा के जरिये केरल के कोच्चि से रविवार को मास्क एवं आक्सीजन सिलेंडर समेत आवश्यक चिकित्सकीय वस्तुएं लक्षद्वीप पहुंचाई गईं। नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि 'मिशन आक्सीजन एक्सप्रेस' के तहत यह आपूíत की गई।अधिकारियों ने बताया कि पोत के जरिये 35 आक्सीजन सिलेंडर, रैपिड एंटीजन जांच किट, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क एवं अन्य सामग्री लक्षद्वीप के कावारत्ती पहुंचाई गईं। इसके बाद पोत ने मिनिकाय में ऑक्सीजन सिलेंडर और चिकित्सकीय वस्तुएं पहुंचाईं।अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना ने मेघना पोत के जरिये लक्षद्वीप से 41 खाली आक्सीजन सिलेंडर कोच्चि पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। उन्होंने बताया कि इन सिलेंडरों के भरने के बाद मेघना वापस लौटेगा।


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