चीन के खिलाफ भारत-अमेरिका मिलकर करेंगे ये काम; प्लान तैयार

चीन के खिलाफ भारत के साथ आया अमेरिका

Update: 2020-12-01 11:34 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली: लद्दाख में एलएसी (LAC) पर तनाव पैदा करने के बाद, चीन (China) ने हाल ही में मनगढ़ंत दावा किया है कि कोरोना वायरस (COVID-19) की उत्पत्ति भारत (India) में हुई. इसके साथ ही चीन की सरकार जल आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra river) पर एक बड़ा बांध बनाने की कोशिश कर रही है.


चीन क्यों परेशान?
इस बीच कुछ सवाल हैं. जैसे- चीन ऐसे अर्थहीन फैसलों के लिए क्यों मजबूर हो रहा है? क्या अमेरिका (America) की नई जो बाइडेन सरकार (Joe Biden Government) और डेमोक्रेटिक नेताओं ने चीन (China) के खिलाफ भारत के साथ मिलकर काम करने का मन बना लिया है?


चीन के खिलाफ अमेरिका एकमत
भले ही अमेरिका (America) में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन कई मुद्दों पर भिन्न मत रखते हैं, लेकिन दोनों दलों के नेता एक बात पर सहमत हैं. वो है चीन की हरकतों का जवाब देने का मत. दोनों का मानना है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के नेतृत्व में चीन (China) अपनी आक्रामक नीतियों के कारण वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बनकर उभरा है. चीन भी इस बात से अवगत है. चीन अभी इस चिंता में है कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के साथ शी जिनपिंग कैसे निपटेंगे.

बाइडेन प्रशासन भारत के साथ
जिनपिंग ने 3 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2020) में जीत पर बाइडेन को बधाई देने से पहले इंतजार किया. ऐसा इसलिए है कि जिनपिंग पहले से ही असहज थे. सूत्रों ने दावा किया कि बाइडेन प्रशासन भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन के साथ चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ रणनीति बना कर रहा है.


अमेरिका का स्पष्ट संदेश
एंटनी ब्लिंकेन को नए अमेरिकी विदेश मंत्री (US MEA) के रूप में नियुक्त करने का जो बाइडेन का निर्णय स्पष्ट संदेश देता है कि वह भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. ब्लिंकेन ने बार-बार कहा है कि चीन से निपटने में भारत को अमेरिका का एक महत्वपूर्ण भागीदार होना चाहिए.

 
ब्लिंकन ने दिया था बयान
कुछ महीने पहले भारतीय अमेरिकियों से बात करते हुए, ब्लिंकन ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच एक आम चुनौती है. चीन द्वारा एलएसी (LAC) पर भारत के प्रति आक्रामकता को गंभीरता से लेना होगा. इसके साथ ही चीन की आर्थिक गतिविधियों पर ब्लिंकन ने संदेह जाहिर किया था.

बाइडेन ने जिनपिंग को बताय था ठग
ब्लिंकन के बयान से स्पष्ट संदेश जाता है कि बाइडेन प्रशासन चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा. इसके अलावा बाइडेन ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान शी जिनपिंग पर सीधा हमला करते हुए उन्हें ठग बताया था. उन्होंने चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध पर भारत का समर्थन किया था. चीनी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जो बिडेन (Joe Biden) के साथ संबंधों में सुधार नहीं हो सकता है.


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