भारत भी बांग्लादेश की तरह ही रोहिंग्या मसले का सही और जल्दी समाधान चाहता है: उच्चायुक्त विक्रम कुमार

भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने की कोशिश की

Update: 2020-12-21 05:26 GMT

भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने की कोशिश की. इस बीच बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम कुमार ने बांग्लादेश के पत्रकारों से चर्चा की और कई मसलों पर बात की. विक्रम कुमार ने कहा कि भारत भी बांग्लादेश की तरह ही रोहिंग्या मसले का सही और जल्दी समाधान चाहता है.

रविवार को बांग्लादेश के चिटगांव में पत्रकारों से चर्चा के दौरान विक्रम कुमार ने कहा कि रोहिंग्याओं की समस्या को लेकर बांग्लादेश और भारत की सोच बिल्कुल एक है. हम भी रोहिंग्याओं की बांग्लादेश से जल्दी वापसी चाहते हैं, जो सुरक्षित हो.
आपको बता दें कि साल 2017 में जब म्यांमार से रोहिंग्या संकट शुरू हुआ था, तब दस लाख से अधिक रोहिंग्याओं को बांग्लादेश ने अपने इलाकों में शरण दी थी. तब से रोहिंग्या उसी शेल्टर में हैं.
म्यांमार से निकाले गए रोहिंग्या आसपास के कई इलाकों में फैले, लेकिन सबसे अधिक बांग्लादेश में गए. तब भारत में भी बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं के आने की बात थी, हालांकि सरकार ने अपनी ओर से स्पष्ट किया कि वो किसी को नहीं आने देंगे.
भारतीय उच्चायुक्त ने रोहिंग्या संकट को संभालने में बांग्लादेश के रोल की तारीफ की, साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं का अपने क्षेत्र में वापस जाना बांग्लादेश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए काफी जरूरी है.
आपको बता दें कि हाल ही में भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लिया था. पीएम नरेंद्र मोदी, पीएम शेख हसीना ने इस दौरान कई विषयों पर चर्चा की. दोनों देशों ने तीस्ता विवाद, कोरोना वैक्सीन और अन्य स्थानीय संकटों पर चर्चा की.


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