यूएन में भारत ने कहा- हिंसा के लिए उकसाना शांति, सहिष्णुता, सद्भाव की भावना के खिलाफ
यूएन में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देना शांति, सहिष्णुता और सद्भाव की भावना के खिलाफ है। यू
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूएन में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देना शांति, सहिष्णुता और सद्भाव की भावना के खिलाफ है। यूक्रेन पर आयोजित सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्होंने कहा, सांविधानिक दायरे में विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का वैध प्रयोग लोकतंत्र को मजबूत करने तथा असहिष्णुता का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण होता है।
उन्होंने कहा, निस्संदेह आतंकवाद सभी धर्मों और संस्कृतियों का विरोधी है। सुरक्षा परिषद की बैठक का विषय 'हिंसा को उकसावे से अत्याचार अपराध को बढ़ावा' था। रवींद्र ने कहा, हमें कट्टरपंथ व आतंकवाद का सामूहिक रूप से मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा, भारत हमेशा से यह मानता रहा है कि लोकतंत्र और बहुलवाद के सिद्धांतों पर आधारित समाज विविध समुदायों को एक साथ रहने के लिए एक बेहतर माहौल प्रदान करता है।
चुनिंदा धर्मों तक सीमित न रहें संयुक्त राष्ट्र के अभियान
भारतीय राजदूत ने कहा, यह सुनिश्चित करना संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि नफरत फैलाने वाले भाषणों व भेदभाव के खिलाफ अभियान कुछ चुनिंदा धर्मों और समुदायों तक ही सीमित न रहें, बल्कि इसके दायरे में सभी प्रभावितों को शामिल करना चाहिए। रवींद्र ने चिंता जताई कि यूक्रेन संकट ने सिर्फ यूरोप ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर असर डाला है और इससे अस्थिरता पैदा हो रही है।