फिर विपक्षियों के घेरे में आई इमरान सरकार, करीमा बलूच के शव का किया था अपमान
विपक्षी नेता मरयम नवाज ने कहा कि सरकार चारों तरफ से घिरने के बाद अब बात करने की भीख मांग रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विपक्षी नेता मरयम नवाज ने कहा कि सरकार चारों तरफ से घिरने के बाद अब बात करने की भीख मांग रही है। इधर पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने करीमा बलूच के शव का निरादर करने पर भी इमरान सरकार को निशाने पर लिया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरयम नवाज ने कहा है कि इमरान सरकार अब चारों तरफ से बुरी तरह घिरने के बाद पैंतरे बदल रही है। वह विपक्षियों से बात करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है, लेकिन अब यह तय किया गया है कि सरकार से किसी भी तरह की कोई बात नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब संसद में विपक्षी सांसद इस्तीफा देंगे। इस विषय में सभी विपक्षी दलों से विचार-विमर्श किया जा रहा है।
सांसदों के इस्तीफा दिए जाने के बाद लंबा मार्च निकाला जाएगा। मरयम नवाज ने यह बयान संसद में सभी दलों की बैठक के बाद दिया। इधर पाकिस्तान के उच्च सदन (सीनेट) में विपक्षी दलों ने बलूच अधिकार कार्यकर्ता करीमा बलूच के शव का निरादर करने की कड़ी आलोचना की। पाकिस्तानी असंतुष्ट और महिला अधिकार कार्यकर्ता करीमा बलूच का शव रविवार, 25 जनवरी को कड़ी सुरक्षा में दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान स्थित उनके गांव में दफना दिया गया। प्रदर्शन और असंतोष भड़कने से डरी हुई सरकारी एजेंसियों ने सिर्फ बलूच के निकटवर्ती स्वजनों को ही अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी। इस दौरान मोबाइल फोन सर्विस को भी बंद रखा गया था।
करीमा के भाई समीर मेहराब (Sameer Mehrab) ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तानी सेना ने करीमा के कफन को दफनाने के लिए महिलाओं को अनुमति दी लेकिन मैं इस बात से खुश हूं क्योंकि करीमा महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए आवाज उठाती रही है।' 37 वर्षीय करीमा बलूच वर्ष 2016 से कनाडा में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रही थीं। लापता होने के एक दिन बाद गत वर्ष 22 दिसंबर को उनका शव टोरंटो की एक झील के पास मिला था। करीमा की मौत का जिम्मेदार पाक खुफिया एजेंसी को बताया गया था।