यूक्रेन संकट के बीच मास्‍को पहुंचे इमरान, दो दशक बाद है किसी पाक प्रधानमंत्री का रूस दौरा, जानें क्‍या होगा एजेंडा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे।

Update: 2022-02-24 00:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत रूस के उपविदेश मंत्री इगोरमोर्गुलोव ने किया। इमरान का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन व रूस के बीच युद्ध की आहट पूरी दुनिया के लिए चिंता की वजह बनी हुई है। पिछले 23 वर्षो में रूस का दौरा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री रहते हुए वर्ष 1999 में रूस का दौरा किया था।

रूस पहुंचे इमरान खान के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है जिसमें विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) , सूचना मंत्री फवाद चौधरी (Information Minister Fawad Chaudhry), योजना व विकास मंत्री असद उमर ( Asad Umar) , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डाक्टर मोइद युसुफ ( Dr Moeed Yusuf) भी हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान इमरान खान रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों और ऊर्जा सहयोग की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा वे प्रमुख क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ इस्लामोफोबिया व अफगानिस्तान के हालात पर भी चर्चा करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में बताया कि दोनों नेताओं के बीच मास्को में गुरुवार को बातचीत होगी। बता दें कि खान के मास्को पहुंचने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन व अन्य पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए।
इमरान के इस दौरे इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ, आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी भी रूस जा चुके हैं। लेकिन इनमें से किसी का भी आधिकारिक दौरा नहीं था। पिछले साल अप्रैल में रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव (Sergey Lavrov) इस्लामाबाद गए थे। तब उन्होंने पुतिन की ओर से संदेश दिया था कि पाकिस्तान की हरसंभव सहायता के लिए रूस तैयार है। दोनों देशों आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के विकल्प खोज रहे हैं लेकिन रूस की चाहत पाकिस्तान को हथियार बेचने की भी है। बता दें कि पहले भी यह सौदा नहीं हो पाया था क्योंकि भारत की ओर से इसका विरोध किया गया था। साल 2016 से ही रूस और पाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास करते आए हैं।
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