इमरान खान की पार्टी मुश्किल में, निर्वाचन आयोग ने की 150 जनप्रतिनिधियों की सदस्यता रद्द

पाकिस्तान में इमरान खान सरकार को तगड़ा झटका लगा है. निर्वाचन आयोग ने संपत्ति और देनदारियों का विवरण नहीं देने पर सोमवार को 150 संघीय और प्रांतीय जनप्रतिनिधियों की सदस्यता अस्थायी रूप से निलंबित कर दी है.

Update: 2022-01-18 03:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) में इमरान खान सरकार (Imran Khan Government) को तगड़ा झटका लगा है. निर्वाचन आयोग (Electoral Commission) ने संपत्ति और देनदारियों का विवरण नहीं देने पर सोमवार को 150 संघीय और प्रांतीय जनप्रतिनिधियों की सदस्यता अस्थायी रूप से निलंबित कर दी है. इसमें सूचना मंत्री फवाद चौधरी और सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह शामिल हैं. पिछले साल, आयोग ने कम से कम 154 जनप्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित कर दी थी, लेकिन बाद में उन सभी ने संबंधित विवरण जमा कर दिया और फिर उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई थी.

पाकिस्तान की चुनाव इकाई का यह कदम तब आया जब निर्वाचित प्रतिनिधियों ने प्रत्येक वर्ष के अंत तक संपत्ति और देनदारियों को अनिवार्य रूप से दाखिल करने के नियम का उल्लंघन किया. निर्वाचन आयोग ने कहा कि जिन प्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित की गई है, वे संसदीय कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते हैं. उनकी सदस्यता तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि वे अपना संबंधित विवरण जमा नहीं कर देते.
इमरान की पार्टी ने छिपाई चंदे की जानकारी
इससे पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तकरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देश के निर्वाचन आयोग को विदेशी नागरिकों एवं कंपनियों से मिली निधि की पूरी जानकारी नहीं दी. अपने खातों संबंधी जानकारी भी छुपाई. मीडिया की खबर में निर्वाचन आयोग द्वारा संकलित एक रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया गया था.
'स्क्रूटनी कमेटी ऑफ द इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान' (ईसीपी) द्वारा संकलित रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सत्तारूढ़ दल ने वित्त वर्ष 2009-10 और वित्त वर्ष 2012-13 के बीच चार साल की अवधि में 31 करोड़ 20 लाख पाकिस्तानी रुपए के चंदे संबंधी जानकारी छुपाई.
चुनाव आयोग के जांच दल ने जारी की रिपोर्ट
इस मामले पर चुनाव आयोग के जांच दल ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ये अहम जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट से पता चला है कि पीटीआई ने आयोग को फंडिंग के मामले में गलत जानकारी दी थी. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के स्टेट बैंक के स्टेटमेंट से पता चला है कि पार्टी को 1.64 अरब रुपए मिले थे, जिसमें से 31 करोड़ रुपए से अधिक का कोई हिसाब किताब नहीं रखा गया. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार की निंदा की है और मामले में जांच की मांग की है.
विपक्ष ने लगाया चोरी का आरोप
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने एक बयान में कहा था कि इमरान खान ने ना सिर्फ चोरी की और छिप गए, बल्कि लोगों के पैसे भी लूटे हैं. पीडीएम के प्रवक्ता हाफिज हमदुल्ला ने एक बयान जारी कर कहा था कि चुनाव आयोग के निष्कर्षों से इमरान खान और पीटीआई की चोरी का खुलासा होता है. हमदुल्ला ने कहा कि जांच दल ने पीटीआई का असल चेहरा देश के सामने बेनकाब कर दिया है. दूसरों पर चोरी का आरोप लगाने वाले इमरान खान और पीटीआई खुद चोर साबित हुए हैं. (एजें
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