पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी स्थानीय प्रशासन के चुनाव में कट्टरपंथियों की जीत से घबराई

पाकिस्तान में स्थानीय प्रशासन के चुनाव में कट्टरपंथियों की जीत से इमरान खान की पार्टी घबरा गई है।

Update: 2021-12-22 01:07 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान में स्थानीय प्रशासन के चुनाव में कट्टरपंथियों की जीत से इमरान खान की पार्टी घबरा गई है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद हुसैन ने मंगलवार को कहा कि देश में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम जैसी कट्टरपंथी पार्टियों की जीत इस बात का प्रतीक है कि समाज पीछे जा रहा है। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में रविवार को स्थानीय प्रशासन के लिए हुए चुनाव में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की हार हो गई थी। इसी को लेकर फवाद चौधरी से सवाल पूछा गया था।

2013 से लगातार दूसरी बार प्रांत में सरकार चला रही इमरान खान की पार्टी को चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। दूसरी तरफ, मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम विजेता के तौर पर उभरी। फवाद चौधरी ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम को अतिवादी पार्टी बताते हुए कहा कि उन्हें इस बात की निराशा है कि इसे स्थानीय प्रशासन के चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं। इससे पता चलता है कि देश में चीजें सही नहीं हो रही हैं।
पाक ने पैसों के लिए अफगानिस्तान में 20 साल तक जंग लड़ी : इमरान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान में 20 साल तक चली आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने देश के शामिल होने को लेकर मंगलवार को दुख जताया। उन्होंने कहा कि इसने देश को घाव ही दिया। यह फैसला जनहित में नहीं, बल्कि पैसों के लिए लिया गया था। इमरान ने कहा, 2001 में मैं नीति निर्धारकों के काफी करीब था, जब सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का फैसला लिया था। इसलिए मुझे पता है कि किन कारणों से यह फैसला लिया गया था।


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