फ्रांस के राष्ट्रपति पर भड़के इमरान खान, इस्लाम पर हमला करने का लगाया आरोप, दी ये बड़ी धमकी

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के बाद अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री |

Update: 2020-10-26 05:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) के बाद अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने भी रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) पर इस्लाम पर हमला करने का आरोप लगाया. इमरान ने साफ़ कहा कि फ्रांस को मुस्लिमों को और नहीं भड़काना चाहिए. इससे पहले एर्दोगन ने कहा था कि मैक्रों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उन्हें बयानबाजी करने से बचना चाहिए.

कई मुस्लिम देशों ने की आलोचनाराजधानी पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक शिक्षक की हत्या के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर इस्लाम जगत में फ्रांस के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है. सोशल मीडिया पर सभी फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को लेकर मुहिम चल रही है तो इस बीच फ्रांस ने अरब देशों से फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को रोकने का अनुरोध किया है. मुस्लिम जगत अब फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन की निंदा करने और कई फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने के फैसले की ओर बढ़ रहा है. वास्तव में, सोशल मीडिया पर सभी फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार को लेकर मुहिम छिड़ गई है.

मुस्लिम देशों की ओर से बहिष्कार और हो रही आलोचना को लेकर राष्ट्रपति मैक्रों ने देश की सेकुलर छवि को दर्शाते हुए एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि हम कभी हार नहीं नहीं मानेंगे. हम शांति की भावना के साथ सभी मतभेदों का सम्मान करते हैं. हम अभद्र भाषा को स्वीकार नहीं करते हैं और उचित बहस का बचाव करते हैं. हम हमेशा मानवीय गरिमा और सार्वभौमिक मूल्यों के पक्ष में रहेंगे. इस बीच अरब जगत के देशों ने औपचारिक रूप से विरोध जताया है, कुछ इस्लामी राष्ट्रों ने औपचारिक नोट भेजने और कई कार्यकर्ताओं ने इस्लाम का बचाव किया, जिनमें यमन मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित तवाक्कोल कामरान भी शामिल हैं, ने कहा, मैक्रों के इस्लाम पर हमले से उनकी असहिष्णुता और घृणा का पता चलता है जो फ्रांस जैसे राज्य के प्रमुख के लिए शर्मनाक है. उन्होंने धर्म के सुधार पर अपने ट्वीट में कहा, "मुस्लिम केवल उसी से चिंतित हैं, और वे ऐसा करेंगे.

तुर्की का तीखा हमलाइस बीच इस विवाद में फ्रांस और तुर्की के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं. नाराज तुर्की ने इस घटना पर पेरिस की कड़ी आलोचना की है. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने शुक्रवार को राष्ट्रपति मैक्रों की मानसिक स्थिति पर ही सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र प्रमुख को क्या कहा जा सकता है जो धर्म की आजादी को नहीं समझता और जो अपने देश में अलग धर्म मानने वाले लाखों लोगों के लिए इस तरह से व्यवहार करता है. सबसे पहले, एक मानसिक स्थिति की जांच की जाए. उन्होंने कहा कि मैक्रों को इस्लाम और मुसलमानों के साथ व्यक्तिगत रूप से क्या समस्या है? मैक्रों को मेंटल ट्रीटमेंट की जरुरत है. आप लगातार एर्दोगन को चुन रहे हैं. इससे आपको कुछ भी हासिल नहीं होगा चुनाव होंगे (फ्रांस में). हम आपका (मैक्रों का) भाग्य देखेंगे. उन्होंने फ्रांस के लिए कुछ भी हासिल नहीं किया है और अब उन्हें अपने लिए करना चाहिए.

फ्रांस ने राजदूत बुलाया

तुर्की राष्ट्रपति की इस तीखी टिप्पणी के बाद मैक्रों के कार्यालय ने इन टिप्पणियों को अपमानजनक बताया और कहा कि अंकारा में फ्रेंच राजदूत हरवे मैग्रो को परामर्श के लिए वापस बुलाया जाएगा और इस पर फैसला लिया जाएगा कि तुर्की के साथ राजनयिक संबंधों को खत्म किया जाए या फ्रेंच राजदूत को स्थायी रूप से वापस बुलाया जाए. अब इस लड़ाई में पाकिस्तान भी मैदान में कूद गया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कई ट्वीट्स में लिखा, "एक नेता की पहचान है कि वह लोगों को विभाजित करने के बजाए इंसानों को एकजुट करे. उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने हिंसा करने वाले आतंकवादियों के बजाए इस्लाम पर हमला करके इस्लामोफोबिया को प्रोत्साहित करने के लिए चुना है, चाहे वह मुसलमान हों, व्हाइट सुप्रैमैटिक्स या नाजी विचारक हों.

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