इमरान ने CPEC को लेकर पश्चिमी देशों के संदेह को किया खारिज, जानें क्या कहा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 60 अरब अमेरिकी डालर की लागत से बने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीइसी) और ग्वादर बंदरगाह के बारे में पश्चिमी देशों के संदेह को खारिज कर दिया है।

Update: 2022-02-11 00:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने 60 अरब अमेरिकी डालर की लागत से बने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीइसी) और ग्वादर बंदरगाह के बारे में पश्चिमी देशों के संदेह को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं क्षेत्रीय विकास के लिए एक महान अवसर हैं। यह जानकारी गुरुवार को सरकारी मीडिया की ओर से दी गई।

दोनों देशों के बीच एक बड़ा मुद्दा कश्मीर
चीन की फुडान यूनिवर्सिटी के चाइना इंस्टीट्यूट की सलाहकार समिति के निदेशक डा.एरिक ली के साथ एक साक्षात्कार में, इमरान खान ने यह भी कहा कि भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाना सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार की प्राथमिकता थी। हालांकि कश्मीर का मामला दोनों देशों के बीच एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। इमरान ने यह साक्षात्कार तीन से छह फरवरी की हाल की चीन यात्रा के दौरान दिया था। इस साक्षात्कार के कुछ अंश पाकिस्तान के सरकारी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) द्वारा जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि जम्मू और कश्मीर हमेशा उसका था, उसका है और हमेशा उसका रहेगा। उसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार को रोकने की भी सलाह दी है।
सीपीइसी और ग्वादर के बारे में संदेह का कोई मतलब नहीं
इमरान ने कहा कि सीपीइसी और ग्वादर के बारे में संदेह का कोई मतलब नहीं है। हम अन्य देशों को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि परियोजनाएं न केवल पाकिस्तान और चीन के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होंगी। खान ने कहा कि इन परियोजनाओं से गरीबी उन्मूलन और धन सृजन में मदद मिलेगी। सीपीइसी को लेकर भारत ने चीन के सामने विरोध जताया है क्योंकि इसे गुलाम कश्मीर से होकर बनाया गया है।
चीनी नागरिकों के स्वजन को 86 करोड़ मुआवजा देगा पाकिस्तान
चीन के दबाव में पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने गत वर्ष 13 जुलाई को हुए आतंकी हमले में मृत व घायल 36 चीनी नागरिकों के स्वजन को 1.16 करोड़ डालर (करीब 86 करोड़ रुपये) का मुआवजा देने का फैसला किया है। चीनी ठेकेदारों और कर्मचारियों की सुरक्षा तथा दासू बांध परियोजना के पीड़ितों को मुआवजा देने के मुद्दे पर चीन व पाकिस्तान के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।
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