पाक मीडिया के सवालों के घेरे में आए इमरान, आखिर क्यों उइगरों पर हो रहे अत्याचारों पर साध रखी चुप्पी
पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के अपहरण और गैर-मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले तेजी से बढ़े हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अभी तक विपक्षी दलों के निशाने पर रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अब पाक मीडिया के सवालों के घेरे में भी हैं। इमरान से सवाल पूछे जा रहे हैं कि वह फ्रांस में धार्मिक स्वतंत्रता के भाषण तो देते हैं, लेकिन चीन में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के मामलों में क्यों चुप्पी साधे हैं।
पाकिस्तान की एक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में प्रधानमंत्री इमरान खान के पाखंड को उजागर करते हुए लिखा गया है कि हाल के वर्षो में देश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थल तेजी से कम हुए हैं। इमरान की अल्पसंख्यकों पर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि उन्हें दूसरे देशों में अल्पसंख्यकों के हितों की बात करते हुए पहले अपने यहां की स्थिति को देखना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के अपहरण और गैर-मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस संबंध में यूरोपियन यूनियन की संसद में भी सवाल उठाए गए थे। पाकिस्तानी मीडिया में आए लेख में कहा गया है कि उइगर मुस्लिमों पर इमरान खान की चुप्पी उनके दोहरे चरित्र को दिखाती है। इमरान और उनकी मानवाधिकार मंत्री को इसीलिये फ्रांस के विरुद्ध दिए गए बयान से कदम खींचने पड़े।
मैं सेना के इशारे पर काम नहीं करता : इमरान
जनता और विपक्षी दलों के लगातार सेना का पिट्ठू होने के आरोपों पर पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने सफाई दी है कि सरकार चलाने, राजनीति और विदेशी नीति में सेना का कोई दखल नहीं है। पाकिस्तान की विदेश नीति उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के घोषणा पत्र के अनुसार ही चल रही है। इमरान का बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल सरकार और सेना दोनों पर हमलावर हैं और देश में चार रैलियां कर चुके हैं, जिनमें हजारों की भीड़ उमड़ी है।