IMF की पाकिस्तान को दो टूक, कहा- पैसा चाहिए तो तेल से 'तुरंत' सब्सिडी हटाओ

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बुधवार को पाकिस्तान से साफ शब्दों में कहा है कि अगर उसे पैसे चाहिए तो वह तेल पर दी जा रही सब्सिडी तुरंत हटा दे।

Update: 2022-05-26 02:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को पाकिस्तान से साफ शब्दों में कहा है कि अगर उसे पैसे चाहिए तो वह तेल पर दी जा रही सब्सिडी तुरंत हटा दे। आईएमएफ ने जोर देकर कहा कि सहायता कार्यक्रम के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए "ईंधन और ऊर्जा सब्सिडी को हटाने" की तत्काल आवश्यकता है।

ज्ञात हो कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह आईएमएफ को बताएंगे कि ईंधन और ऊर्जा सब्सिडी को वापस नहीं ले सकते हैं क्योंकि "राष्ट्र इसे सहन नहीं कर पाएगा।" उन्होंने कहा कि सब्सिडी पिछली पीटीआई सरकार द्वारा पेश की गई थी।
हालांकि बुधवार को जारी एक बयान में, आईएमएफ ने कहा कि उसने "कार्यक्रम के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ईंधन और ऊर्जा सब्सिडी और वित्त वर्ष 2023 बजट को हटाने के संदर्भ में ठोस नीति कार्यों की तात्कालिकता पर जोर दिया।" आईएमएफ के अनुसार, उसके मिशन ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ नीतियों और सुधारों पर एक समझौते पर पहुंचने के उद्देश्य से "अत्यधिक रचनात्मक चर्चा" की।
आईएमएफ और पाकिस्तान के अधिकारियों की यह बैठर दोहा में हुई थी। खबर है कि इस दौरान आईएमएफ (IMF) ने पाकिस्तान को 6 अरब डालर के बाहरी वित्त पोषण सुविधा (ईएफएफ) के तहत रुकी हुई अगली किश्त को फिर से शुरू करने से मना कर दिया है।
गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई और बिगड़ी अर्थव्यवस्था व कमजोर होते पाकिस्तानी रुपये से देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। विदेशी मुद्र भंडार की कमी के चलते पाकिस्तान महंगाई के संकट से भी जूझ रहा है। हालांकि इस संकट से उबरने के लिए उसे IMF के बेलआउट पैकेज की अगली किश्त की जरूरत है। बता दें कि IMF ने पाकिस्तान में जारी राजनीतिक संकट के बीच दी जाने वाली वित्तीय सहायता रोक दी है।
नव-निर्वाचित सरकार ने एक सप्ताह पहले एक विस्तारित फंड सुविधा के तहत $1 बिलियन की किश्त जारी करने पर IMF के साथ बातचीत शुरू की थी। 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा हस्ताक्षरित $6 बिलियन का आईएमएफ बेलआउट पैकेज कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया क्योंकि उनकी सरकार ने कुछ सब्सिडी में कटौती या समाप्त करने और राजस्व और कर संग्रह में सुधार करने के समझौतों पर ध्यान दिया था।
इस्लामाबाद को अब तक 3 अरब डॉलर मिले हैं और यह कार्यक्रम इस साल के आखिर में खत्म होने वाला है। अधिकारी जून 2023 तक कार्यक्रम के विस्तार के साथ-साथ $1bn की अगली किश्त जारी करने की मांग कर रहे हैं।
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