परमाणु वार्ता को लेकर अमेरिका गंभीर है तो करे यह काम, ईरान ने दी यह सीख
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सोमवार को कहा कि उनके देश पर लगाए गए प्रतिबंध अमेरिका को यह साबित करने के लिए हटा देने चाहिए कि वह वियना में बाधित परमाणु वार्ता बहाल करने को लेकर गंभीर है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सोमवार को कहा कि उनके देश पर लगाए गए प्रतिबंध अमेरिका को यह साबित करने के लिए हटा देने चाहिए कि वह वियना में बाधित परमाणु वार्ता बहाल करने को लेकर गंभीर है। सरकारी टीवी को दिए एक साक्षात्कार में रईसी ने कहा कि ईरान ने पश्चिमी देशों के साथ 'लक्ष्य उन्मुखी' वार्ता की है और ईरान कभी वार्ता छोड़कर नहीं गया। उन्होंने कहा, 'प्रतिबंध हटाना दूसरे पक्ष की गंभीरता का संकेत है।' ईरान और 2015 के परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देशों के बीच वार्ता में जून से गतिरोध है। अगस्त में पदभार संभालने वाले रईसी के प्रशासन ने वार्ता बहाल करने के लिए कोई तारीख तय नहीं की है।
ईरान वियना में वार्ता जल्द बहाल करने की अपीलों का विरोध करता रहा है। इसके बजाय ईरान वियना में वार्ता से पहले ब्रसेल्स में समझौते के अन्य पक्षकारों के साथ अलग से बैठक करना चाहता है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सोमवार को वाशिंगटन में संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियार निगरानी संस्था के प्रमुख से मुलाकात करने पर विदेश विभाग ने कहा कि बाइडन प्रशासन को नहीं लगता कि ब्रसेल्स में पहले मुलाकात करने की आवश्यकता है। ब्लिंकन ने आगाह किया है कि कूटनीति का दरवाजा बंद हो रहा है। बहरहाल, रईसी ने कहा, 'इस मुद्दे पर ईरान गंभीर है, हमें दूसरे पक्ष की गंभीरता भी नजर आनी चाहिए।'
गौरतलब है कि 2015 के परमाणु समझौते के मुताबिक, ईरान को अपने ऊपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने यूरेनियम संवर्धन में भारी कमी लानी थी। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकतरफा तरीके से इस समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी जिससे पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया था। वियना में वार्ता बाधित होने के साथ ही ईरान ने समझौते में तय की गई यूरेनियम संवर्धन की सीमा का उल्लंघन भी कर दिया।