बुडापेस्ट: हंगरी की संसद ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए स्वीडन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। संसद के 199 सदस्यों में से 194 ने सोमवार को मतदान में भाग लिया। इनमें से 188 वोट पक्ष में और छह विपक्ष में पड़े। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हंगरी की संसद ने सोमवार को वसंत सत्र के पहले दिन विधेयक पर मतदान किया।
हंगरी के प्रधान मंत्री विक्टर ओर्बन ने कहा, "स्वीडिश-हंगेरियन सैन्य सहयोग और स्वीडन के नाटो में शामिल होने से हंगरी की सुरक्षा मजबूत होगी।" विपक्षी पार्टी अवर होमलैंड के एलोड नोवाक उन छह सांसदों में से एक थे, जिन्होंने इसके खिलाफ मतदान किया। मतदान से पहले उन्होंने कहा, "आइए स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर वीटो करें।"
सोमवार को अपने समर्थन के साथ, हंगरी उन 31 नाटो सदस्य देशों में से अंतिम देश बन गया, जिसने इस सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए स्वीडन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अब जुलाई में वाशिंगटन डीसी में होने वाले नाटो के अगले शिखर सम्मेलन में स्वीडन आधिकारिक तौर पर गठबंधन का 32वां सदस्य बन जाएगा।
बिल को कानून बनने के लिए अभी भी हंगरी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति तमस सुलियोक के हस्ताक्षर की आवश्यकता है। हंगेरियन संसद की मंजूरी का स्वीडिश प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने स्वागत किया। इसे "एक ऐतिहासिक दिन" बताते हुए क्रिस्टर्सन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि स्वीडन यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार है। गौरतलब है कि फरवरी 2022 में यूक्रेनी संकट बढ़ने के बाद स्वीडन और फ़िनलैंड ने नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया। उनके शामिल होने के लिए नाटो के सभी सदस्यों की मंजूरी की आवश्यकता थी। हंगरी की संसद ने पिछले साल मार्च में फिनलैंड की नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।