चीन में बिजली और ब्रिटेन में पेट्रोल की भारी कमी से हड़कंप, समझें कैसे लग रहा अर्थव्यवस्था को झटकका
कोरोना महामारी के संकट के बीच चीन में बिजली और ब्रिटेन में पेट्रोल की भारी कमी से हड़कंप मचा है। ची
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के संकट के बीच चीन में बिजली और ब्रिटेन में पेट्रोल की भारी कमी से हड़कंप मचा है। चीन में बिजली संकट होने से आम लोगों के साथ-साथ कई बड़ी कंपनियों के काम पर भी असर पड़ा है। वहीं ब्रिटेन में पेट्रोल पंपों के बाहर भारी भीड़ उमड़ रही है। कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खत्म हो गया है। चीन के उत्तर-पूर्व इलाकों में बिजली का भारी संकट पैदा हो गया है। यहां घरों में लोग अंधेरे में रह रहे हैं। जबकि कई फैक्ट्रियों में काम बंद करना पड़ा है। कई मॉल व दुकानें भी बंद हो चुकी हैं। हालांकि कुछ दुकानें मोमबत्ती की रोशनी में संचालित हो रही हैं।
चीन : कई फैक्ट्रियां बंद, दुकानों पर मोमबत्ती जलाने को मजबूर
सर्दियों के आगमन के बीच उत्तर-पूर्व के निवासियों ने सोशल मीडिया पर बिजली कटौती की जानकारी दी। इस दौरान निवासियों ने सरकार से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने की अपील की। वहीं पिछले हफ्ते से ही इन इलाकों में पीक आवर्स के दौरान कटौती की जा रही है। ऐसे में चांगचुन, झेझियांग जैसे कई इलाकों में सरकार ने बिजली काटने की घोषणा कर दी है। साथ ही इन प्रांत के लोगों से भी सरकार ने कहा है कि वह अपने घरों में ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल ना करें जो अधिक बिजली की खपत करते हैं। बिजली संकट से चीन की कंपनियों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एप्पल और टेस्ला जैसी दिग्गज कंपनियों के बिजनेस पर असर पड़ रहा है। दरअसल इन कंपनियों के कुछ सप्लायर्स को बिजली की कमी के चलते अपने कुछ प्लांट पर काम रोकना पड़ा है।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होगी
कोरोना महामारी से बेहाल उद्योग क्षेत्र के लिए चीन के बिजली संकट ने एक और जोखिम पैदा कर दिया है। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के प्रभावित होने की संभावना है। पहले ही निर्माताओं को प्रोसेसर चिप्स की मौजूदा कमी, शिपिंग में व्यवधान और यात्रा और व्यापार के वैश्विक बंद के अन्य प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली संकट के चलते यहां एप्पल, टेस्ला जैसी कंपनियों में भी काम बंद हो गया है। ऐसे में दुनिया भर में इसका असर पड़ने के आसार हैं। क्रिसमस से पहले स्मार्टफोन और उपकरणों सहित सामानों की कमी हो सकती है। इसके अलावा वैश्विक बाजार में कपड़ों, खिलौनों व मशीनों के पुर्जों की सप्लाई पर भी असर पड़ सकता है।
इसलिए पैदा हुआ संकट
- कोयला आपूर्ति में कमी और सख्त उत्सर्जन मानकों के कारण चीन में बिजली की कमी हो रही
- चीन ने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2021 में तीन फीसदी की कटौती का लक्ष्य रखा है
- इसके चलते स्थानीय कोयला खदानों में उत्पादन को कम कर दिया गया है
- साथ ही ऑस्ट्रेलिया से होने वाली कोयले की आपूर्ति में भी दोनों देशों में तनाव के चलते कमी आई है
अर्थव्यवस्था को झटका
बिजली की किल्लत और उत्पादन में तेज गिरावट के असर से चीन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराने वाली वैश्विक निवेश बैंकिंग, सिक्योरिटीज व इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म गोल्डमैन सैक्स ने चीन की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को कम किया है। गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि इस साल 2021 में चीन की अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ सकती है जबकि इसके पहले यह आकलन 8.2 फीसदी का था।
ब्रिटेन ईंधन आपूर्ति सुधारने के लिए सेना की मदद लेगा
ब्रिटेन सरकार ने ट्रक चालकों की कमी के कारण ईंधन आपूर्ति में हुई कमी को सुधारने के लिए सेना की मदद लेने का फैसला किया है। सरकार ने समस्या से निपटने के लिए सेना के जवानों को तैयार रहने को कहा है। ब्रिटेन में ईंधन की कमी की आशंका के बीच पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतारें लग गईं। कई यूनियन ने मांग की थी कि ईंधन आपूर्ति के लिए आपात सेवा में लिप्त कर्मचारी मुहैया करवाए जाएं। जिसके बाद सरकार ने कहा कि उसने ब्रिटेन की सेना के चालकों को तैयार रखा है। ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें ईंधन की आपूर्ति करने के लिए तैनात किया जा सके। इस बीच, शुक्रवार से ही ब्रिटेन के आसपास कई गैस स्टेशनों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं, जिससे व्यस्त सड़कों पर जाम लग गया है।
पेट्रोल के लिए मारपीट
इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर डैनी ऑल्टमैन ने ट्वीट करके पेट्रोल खत्म होने के बाद एक लड़ाई देखने का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि मेरे पीछे खड़े एक आदमी ने गार्ड को मारना शुरू कर दिया। इसके बाद 8-10 लोगों में हाथापाई शुरू हो गई और लातों, घूसों से मार पिटाई हुई। वहीं साउथ वेल्स के माइस्टेग में ऑयल 4 वेल्स के डायरेक्टर कॉलिन ऑवेन्स का कहना है कि उनके गैराज में आमतौर पर रोजाना 20 से 30 हजार लीटर ईंधन बेचा जाता है। लेकिन बीते 24 घंटों में 1 लाख लीटर तेल बिक चुका है।
दो तिहाई पंपों पर ईंधन नहीं
करीब 5,500 स्वतंत्र पेट्रोल पंपों का प्रतिनिधित्व करने वाले पेट्रोल रिटेलर्स एसोसिएशन ने रविवार को कहा कि करीब दो तिहाई स्टेशनों पर ईंधन नहीं है। ऐसे में वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए लोगों की स्टेशनों पर भीड़ उमड़ पड़ी है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित ब्रिटेन के शहरी इलाके हैं। जबकि उत्तरी आयरलैंड में इस पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। एसोसिएशन ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों का घबराकर इसे खरीदना बताया है।
देश में पर्याप्त मात्रा में ईंधन : सरकार
कारोबारी मामलों के मंत्री क्वासी क्वार्टेंग ने बताया कि ब्रिटेन के पास बड़ी मात्रा में ईंधन है। उन्होंने कहा कि हालांकि हम पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति श्रृंखला में आ रही परेशानी से अवगत हैं और प्राथमिकता के साथ इससे निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं। वहीं शेल, एक्सॉनमोबिल और ग्रीनर्जी जैसी तेल कंपनियां यह कह चुकी हैं कि देश में पेट्रोल की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा है कि तेल की सप्लाई का दबाव अस्थाई तौर पर ग्राहकों की मांग में बढ़ोतरी के कारण देखा जा रहा है न कि देश में तेल की कमी के कारण।
ट्रक ड्राइवरों की कमी से संकट
ब्रिटेन में ट्रक ड्राइवरों की कमी के चलते ईंधन आपूर्ति का संकट पैदा हुआ है। ऐसा अनुमान है कि ब्रिटेन में एक लाख से अधिक ट्रक ड्राइवरों की कमी है। इसके कारण हालिया महीनों में बहुत से उद्योगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें सुपरमार्केट्स से लेकर फास्ट फूड चेन्स शामिल हैं। पूरे यूरोप में हेवी गुड्स व्हीकल (एचजीवी) ड्राइवरों की भारी कमी है। लेकिन इसमें भी इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित ब्रिटेन हुआ है। ब्रेग्जिट के बाद कई यूरोपीय देशों के ड्राइवरों ने अपने देश वापस लौटना ठीक समझा या फिर वे कहीं और काम करने लगे हैं। क्योंकि सीमा पर एक अतिरिक्त नौकरशाही हो गई है और इससे उनकी आय पर फर्क पड़ा है। वहीं कोरोना महामारी के कारण भी कई ड्राइवर अपने घर लौटे हैं और उनमें से कुछ ही वापस आ पाए हैं।