सुपरनोवा विस्फोट से पहले किस हालत से गुजरा विशाल तारा, Hubble Telescope ने कैद की तस्वीर
स्टडी के मुताबिक ऐस्ट्रोनॉमर इस खोज की मदद से दूसरे सितारे और सुपरनोवा की खोज कर सकते हैं।
अंतरिक्ष में विशाल सितारों में अपने जीवन के आखिर में विस्फोट होता है। वैज्ञानिकों ने इस घटना को दशकों से स्टडी किया है। खासकर विस्फोट से पहले सितारे में होने वाली हलचल पर नजर रखी जाती है और देखा जाता है कि कैसे एक विशाल सितारा सुपरनोवा में तब्दील हो जाता है। इसकी तस्वीरों से वैज्ञानिकों को सितारे और विस्फोट से जुड़ी कई जानकारियां मिल सकती हैं। CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 से अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का हबल स्पेस टेलिस्कोप एक सुपरनोवा पर नजर रख रहा है।
इस बार मिला कुछ खास
यह सितारा धरती से 3.5 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर वर्गो गैलेक्सी क्लस्टर में स्थित है। स्टडी के लीड रिसर्चर चार्ल्स किलपैट्रिक के मुताबिक यह एक ठंडा पीला सितारा था। उन्होंने बताया है कि ये सितारे अपने जीवन के आखिर में हाइड्रोजन से घिरे रहते हैं जो सितारे के नीले अंदरूनी हिस्से को कवर किए रहती है। हालांकि, इस सितारे में विस्फोट के दौरान कुछ खास मिला है। इसमें हाइड्रोजन की परत नहीं मिलीं क्योंकि विस्फोट के दौरान इससे नीली रोशनी निकली है।
सुपरनोवा से पहले की हलचल
विस्फोट के दौरान हाइड्रोजन नहीं थी, इससे वैज्ञानिकों को लगता है कि इसकी गैस की परत पिछले कुछ साल में खत्म हुई होगी। चार्ल्स ने कहा, 'इस तरह के सितारे में सुपरनोवा से ठीक पहले विस्फोट होना दुर्लभ होता है।' चार्ल्स का कहना है कि जब सितारे में विस्फोट हुआ तो वह सामान्य बिना हाइड्रोजन का सुपरनोवा लग रहा था लेकिन इससे पहले इस तरह की घटना देखी नहीं गई। वैज्ञानिकों ने आसपास के पर्यावरण में बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन देखी है। उनका मानना है कि हाइड्रोजन सितारे में विस्फोट से पहले ही खत्म हो गई।
इस सितारे की खोज से वैज्ञानिकों ने पहले की थिअरी में बताया है कि सितारों में भयानक विस्फोट होता है जिससे सुपरनोवा होता है लेकिन ऐसे विस्फोट के कारण कई दशक पहले से द्रव्यमान खत्म होता है और हाइड्रोजन भी कम होती है।स्टडी के मुताबिक ऐस्ट्रोनॉमर इस खोज की मदद से दूसरे सितारे और सुपरनोवा की खोज कर सकते हैं।