कंपनी के प्रति वफादार होना कितना जरूरी? हावर्ड बिजनेस रिव्यू में कई खुलासे
नियोक्ता के प्रति वफादार रहने से आप खुद का प्रदर्शन सुधारने के साथ नौकरी से संबंधित तनाव भी कम कर सकते हैं.
नई दिल्ली: वफादारी शब्द से आप क्या समझते हैं? इसके अलग-अलग मायने और परिभाषाएं हो सकती हैं. अपने संस्थान (ऑफिस) और काम (नौकरी) दोनों के प्रति वफादार होने के कई फायदे हैं, जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता. इसी संदर्भ में ज्यादा वफादार (Loyalty) होना और आंख बंद करते हुए वफादारी दिखाने (Blind Faith) जैसी बातों को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है.
दरअसल हावर्ड बिजनेस रिव्यू (Harvard Business Review Home) की स्टडी में खुलासा हुआ है कि ज्यादा वफादार लोगों में अपनी नौकरी और हितों को बचाने के लिए संस्थान में गलत काम करने की संभावना ज्यादा होती है. इसी तरह ऐसे लोगों का ऑफिस में उत्पीड़न होने के चांस भी दूसरों की तुलना में ज्यादा होते हैं.
आप क्या कर सकते हैं?
ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि वर्क प्लेस पर ऐसे कई जोखिमों को कम करते हुए वफादारी के फायदे हासिल करने के लिए आप क्या कर सकते हैं? सबसे पहले, आपको इस वफादारी से होने वाले नफे-नुकसान की समझ होनी चाहिए. इसी विषय को लेकर हावर्ड यूनिवर्सिटी के हालिया रिव्यू पेपर में और क्या कुछ सामने आया है, आइये बताते हैं.
वफादार होने के फायदे
जब कर्मचारी वफादार होते हैं, तो उन्हें और उनके संगठनों दोनों को फायदा होता है. वफादारी के 'बाध्यकारी प्रभाव' के कारण वफादार कर्मचारी दूसरों के साथ मजबूत बॉन्डिंग रखते हैं. जो किसी संस्थान के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काफी अहम होती है. नियोक्ता के प्रति वफादार रहने से आप खुद का प्रदर्शन सुधारने के साथ नौकरी से संबंधित तनाव भी कम कर सकते हैं.