बांग्लादेश में फेसबुक पोस्ट को लेकर हिंदू मंदिर और घरों में तोड़फोड़, पलायन के लिए मजबूर हुए लोग
उसके बाद सरकार को 22 जिलों में अर्धसैनिक बलों को तैनात करने के लिए मजबूर हुई थी। इस दंगे में चार लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।
बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली हिंसा की ताजा घटनाएं सामने आईं हैं। इसमें कथित रूप से इस्लाम को कथित तौर पर कमतर करने वाली एक फेसबुक पोस्ट को लेकर कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने दक्षिण-पश्चिमी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक मंदिर, दुकानों और कई घरों में तोड़फोड़ की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जानकारी रविवार को मिली है।
- स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक निरीक्षक हरन चंद्र पाल के हवाले से एक आनलाइन समाचार पत्र bdnews24.com ने शुक्रवार शाम को नारेल जिले के सहपारा गांव में भीड़ ने कई घरों में तोड़फोड़ की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने चेतावनी दी और गोलियां चलाईं। भीड़ ने से एक घर को आग लगा दी।
- उन्होंने कहा कि हमलावरों ने शाम करीब साढ़े सात बजे हमले के दौरान गांव के एक मंदिर पर भी ईंटें फेंकी। उन्होंने मंदिर के अंदर के फर्नीचर को भी तोड़ दिया। द डेली स्टार अखबार ने बताया कि कई दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है।
- हरन चंद्र पाल ने कहा कि एक युवक ने फेसबुक पर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किया, जिससे मुसलमानों में गुस्सा फूट पड़ा। तलाश करने पर युवक का पता नहीं चलने पर पुलिस उसके पिता को थाने ले गई। शुक्रवार की नमाज के बाद जैसे ही पोस्ट पर पब्लिश हुई, क्षेत्र में तनाव बढ़ गया। मुसलमानों के एक समूह ने शुक्रवार दोपहर में अपने घर के बाहर प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने घरों पर हमला कर दिया।
- पुलिस ने किसी हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया गया था। पुलिस निरीक्षक ने कहा कि रात में स्थिति सामान्य थी। नरेल के पुलिस अधीक्षक प्रबीर कुमार राय ने कहा कि कानून लागू करने वाले स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए काम कर रहे हैं।
- राय ने कहा कि हम घटना की जांच कर रहे हैं। हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी। अभी के लिए स्थिति सामान्य है। द डेली स्टार अखबार ने बताया कि आगे की हिंसा को रोकने के लिए इलाके में पुलिस बलों को तैनात किया गया है।
- अखबार ने निवासी दीपाली रानी साहा के हवाले से कहा कि एक समूह ने हमारा सारा कीमती सामान लूट लिया। दूसरा समूह आया और हमारा दरवाजा खुला पाया। लूटने के लिए कुछ नहीं बचा था तो उन्होंने हमारे घर में आग लगा दी। दीपाली का घर उन घरों और दर्जनों दुकानों में शामिल था, जिन्हें सहपारा गांव में तोड़ दिया गया या जला दिया गया।
- दिघलिया संघ परिषद में आरक्षित सीट की एक पूर्व महिला सदस्य ने कहा कि हमले के बाद ज्यादातर सक्षम लोग गांव छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कहा, लगभग सभी घरों में ताला लगा है। कुछ परिवारों के बुजुर्ग ही घर में हैं। वे भी डरे हुए हैं। अखबार ने गांव के राधा गोविंदा मंदिर के अध्यक्ष 65 वर्षीय शिबनाथ साहा के हवाले से कहा, पुलिस गांव में पहरा दे रही है, लेकिन हम उन पर भरोसा नहीं कर सकते।
- स्थानीय वेबसाइट bdnews24.com ने कहा कि मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। उनमें से कई अफवाहों या सोशल मीडिया के माध्यम से फैली फर्जी पोस्ट के बाद हुए हैं।
- पिछले साल बांग्लादेश में कुछ हिंदू मंदिरों में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। उसके बाद सरकार को 22 जिलों में अर्धसैनिक बलों को तैनात करने के लिए मजबूर हुई थी। इस दंगे में चार लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।