पाकिस्तान में हिंदू समुदाय ने अपहरण, अराजकता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया

Update: 2023-09-04 16:42 GMT
 
इस्लामाबाद (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के काश्मोर जिले में हिंदू समुदाय लगातार अराजकता, फिरौती के लिए अपहरण और पीड़ितों को बरामद करने में अधिकारियों की विफलता से काफी परेशान है।
काश्मोर में हिंदू व्यापारियों और समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाकर लगातार अपहरण की घटनाओं ने पूरे प्रांत में विरोध प्रदर्शन की लहर पैदा कर दी है।
काश्मोर के हिंदू समुदाय ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सिंधु राजमार्ग को कम से कम 34 घंटे के लिए अवरुद्ध कर दिया, जिससे सिंध प्रांत का सड़क मार्ग बलूचिस्तान और पंजाब से कट गया।
प्रदर्शनकारियों ने स्वतंत्रता और न्याय के लिए नारे लगाए। उन्होंने काश्मोर जिले एवं उसके आसपास समुदाय के अपने प्रियजनों और अन्य लोगों के चल रहे अपहरण के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। ऐसा कहा जा रहा है कि उनका बदमाशों ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हिंदू व्यापारियों और उनके परिवारों का अपहरण कर लिया गया है और अधिकारियों ने उन्हें बरामद करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। कश्मोर के हमारे एक हिंदू व्यापारी, उनके बेटे सागर कुमार का अपहरण कर लिया गया है। अब 20 दिन हो गए हैं। हमें अपहरणकर्ताओं द्वारा सागर पर अत्याचार और मारपीट का वीडियो मिला है। वे फिरौती के तौर पर अरबों की मांग कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता नारायण दास भील ने पूछा कि हम न्याय मांगने कहां जाएं?
काश्मोर में एक हिंदू व्यापारी आशीष ने कहा कि पिछले दो महीनों के भीतर हिंदू समुदाय के कम से कम 40 लोगों का अपहरण किया गया है। हम कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन वे इस मामले से अनभिज्ञ नजर आ रहे हैं। हम, हिंदू समुदाय दशकों से काश्मोर जिले में रह रहे हैं। यहां हमारा कारोबार है और सभी के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। लेकिन, जबसे हमारे लोगों का फिरौती के लिए अपहरण किया जाने लगा है, हम ऐसे किसी को ढूंढने में असफल रहे हैं जो हमारी बात सुन सके और हमारे प्रियजनों को बचा सके।
काश्मोर में विरोध प्रदर्शन को सिंध प्रांत के मुख्य केंद्र कराची में भी समर्थन मिला है, जहां हिंदू समुदाय, नागरिक समाज और अन्य लोगों के सैकड़ों प्रदर्शनकारी चल रहे अपहरण और प्रांतीय सरकार की विफलता के खिलाफ अपना मजबूत विरोध दर्ज कराने के लिए क्लिफ्टन में "तीन तलवार" चौराहे पर एकत्र हुए।
प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता शीमा किरमानी ने कहा कि हम सागर कुमार के लिए, मुखी जगदेश के लिए, प्रिया कुमारी के लिए, डॉ. मुनीर के लिए और सात साल के छोटे लड़के के लिए न्याय की मांग करते हैं। हम इस अन्याय, इस क्रूरता, हिंदू समुदाय के लक्षित अपहरण का अंत चाहते हैं।
आईएएनएस से बात करते हुए काश्मोर में एक अन्य स्थानीय व्यापारी ने कहा कि हिंदू समुदाय के बीच सुरक्षा की स्थिति और भय इतना अधिक हो गया है कि कई परिवार प्रांत के अन्य हिस्सों में पलायन करना शुरू कर दिया है, जबकि कई सिंध से भारत की ओर पलायन कर रहे हैं।
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