अफगानिस्तान में हेल्थ केयर सिस्टम का हुआ बुरा हाल, इलाज के लिए मौजूद सिर्फ पांच अस्पताल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब कहा है कि अफगानिस्तान को फरवरी के अंत तक किट मिल जाएंगी.
अफगानिस्तान (Afghanistan) में हेल्थ सेक्टर का कितना बुरा हाल है, इस बारे में जानकारी ऐसे मिलती है कि मुल्क में सिर्फ पांच अस्पताल ही कोविड-19 (Covid-19) का इलाज कर पा रहे हैं. देश के 33 अस्पतालों को डॉक्टरों, दवाओं और सर्दियों में खुद को गर्म नहीं रख पाने की वजह से बंद होने पर मजबूर होना पड़ा है. अफगानिस्तान में ये ऐसे समय पर हो रहा है, जब देश में कोरोनावायरस (Coronavirus in Afghanistan) के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. काबुल के इकलौते कोविड अस्पताल में ईंधन की कमी की वजह से स्टाफ सिर्फ रात के समय ही अस्पताल को गर्म कर पा रहा है, जबकि तापमान दिन में ही शून्य से नीचे जा रहा है.
मरीजों को ठंड लगने से बचाने के लिए उन्हें कई सारे कंबलों से ढका जा रहा है. काबुल कोविड अस्पताल के डायरेक्टर डॉ मोहम्मद गुल लिवाल ने कहा कि उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर दवाओं तक की जरूरत है. इस अस्पताल में 100 बेड्स हैं. कोरोना मामलों के बढ़ने के साथ ही कोविड-19 वार्ड बिल्कुल फुल होते जा रहा है. जनवरी से पहले तक अस्पताल में हर रोज एक या दो कोविड मरीज भर्ती हो रहे थे. अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा कि पिछले दो हफ्तों से हर रोज 10 से 12 मरीज भर्ती हो रहे हैं. तालिबान के कब्जे के बाद से अस्पताल कर्मचारियों को सिर्फ एक महीने की सैलरी मिली है.
हेल्थ केयर सिस्टम बर्बाद होने से गहराया मानवीय संकट
अफगानिस्तान का हेल्थ केयर सिस्टम पिछले दो दशकों से विदेशी डोनर्स द्वारा मिलने वाली फंडिंग के भरोसे चल रहा था. लेकिन अगस्त में तालिबान (Taliban) के सत्ता में लौटने के बाद से ही इसका बुरा हाल हो चुका है. अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है और विदेशों में देश का 10 बिलियन डॉलर के करीब का पैसा फ्रीज कर दिया गया है. वहीं, अफगानिस्तान को मिलने वाली विदेशी सहायता भी रोक दी गई है. हेल्थ केयर सिस्टम के बर्बाद होने की वजह से मानवीय संकट और अधिक गहरा गया है. देश की 90 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जा चुकी है. लोग बमुश्किल ही खाना जुटा पा रहे हैं.
ओमिक्रॉन वेरिएंट से प्रभावित है अफगानिस्तान!
डॉ मोहम्मद गुल लिवाल ने कहा कि अफगानिस्तान में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) बुरी तरह से प्रभाव डाल रहा है. लेकिन वह मानते हैं कि यह सिर्फ एक अनुमान है क्योंकि देश अभी भी उन किटों को मिलने का इंतजार कर रहा है, जो विशेष रूप से ओमिक्रॉन वेरिएंट का टेस्ट करती हैं. जन स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. जाविद हाजीर ने कहा कि इन किटों को पिछले महीने के अंत से पहले तक मिल जाना था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब कहा है कि अफगानिस्तान को फरवरी के अंत तक किट मिल जाएंगी.