क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट पर दहशत फैलाया गया है? दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर से जानिए

अधिकांश 10 से 14 दिनों के अंदर घर में ही आइलोलेशन में पूरी तरह से ठीक हो गये |

Update: 2021-12-12 10:16 GMT

कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट ने जिस कदर उत्पात मचाया था और डेल्टा वेरिएंट ने जितने लोगों की जान ली थी, वो खौफनाक था और जब पिछले महीने वैज्ञानिकों ने रिसर्च में कोरोना वायरस के एक और वेरिएंट ओमिक्रॉन को देखा, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सबसे खतरनाक बात ये थी, कि जब तक वैज्ञानिक ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगा पाते, ये कई देशों में फैल चुका था और हर देश दहशत में आकर कड़े कदम उठाने लगे।

लेकिन, अब सवाल ये उठ रहे हैं, कि क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर जान बूझकर डर फैलाया गया है?

दक्षिण अफ्रीका में जो ताजा स्टडी किया गया है, उसके नतीजे क्या कहते हैं, आईये जानते हैं। (सभी तस्वीर फाइल-भारत की) दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर का दावा जैसे-जैसे ओमिक्रॉन वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में फैल रहा है, डॉ. अनबेन पिल्ले एक दिन में दर्जनों बीमार रोगियों को देख रहे हैं। फिर भी उन्हें किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के लिए नहीं भेजना पड़ा है। यही एक कारण है कि उन्हें, अन्य डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों के दावे पर शक हो रहा है कि

ओमाइक्रोन वेरिएंट वास्तव में डेल्टा की तुलना में काम कमजोर है और हल्के कोविड -19 का कारण बन रहा है, भले ही इसके फैलने की रफ्तार डेल्टा की तुलना में ज्यादा हो। डॉक्टर पिल्ले ने कहा कि, "वे घर पर बीमारी का इलाज करवाने में सक्षम हैं।" डॉक्टर पिल्ले ने अपने रोगियों के बारे में कहा कि, "अधिकांश 10 से 14 दिनों के अंदर घर में ही आइलोलेशन में पूरी तरह से ठीक हो गये"। 


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