बच्चे की नाक में सालों तक फंसी रही बंदूक की गोली, नहीं आती थी गंध, फिर जो हुआ जानकर हो जाएंगे सन्न

Update: 2021-03-05 09:23 GMT

एक बच्चे की नाक में बंदूक की गोली 8 साल तक फंसी रहीं. उसे कोई गंध नहीं आती थी. जब उसके नाक में फंसी गोली की वजह से बदबूदार तरल पदार्थ नाक से बहने लगा तो उसे डॉक्टरों को दिखाया गया. डॉक्टरों ने नाक की जांच की तो हैरान रह गए. बच्चा जब 15 साल का हुआ तब वह पहली बार इस दिक्कत के साथ डॉक्टर के पास गया था. इस खबर की रिपोर्ट JAMA ओटोलैरिंजोलॉजी-हेड एंड नेक सर्जरी नाम के जर्नल में प्रकाशित हुई है.

जब डॉक्टर ने बच्चे की नाक में इंडोस्कोप और टयूब कैमरा लगा कर देखा तो पाया कि उसकी नाक में टरबिनेट हाइपरट्रॉफी (Terbinate Hypertrophy) नाम की दिक्कत हो गई है. यानी नाक में टरबिनेट्स नामक स्थान में सूजन आ गई है. आमतौर पर ऐसा मौसमी एलर्जी या साइनस के कारण होता है. इस जांच के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को एक स्प्रे और एंटीहिस्टामिन दवा दी. और उसे 4 से 6 हफ्ते बाद वापस आने को कहा. 
लेकिन बच्चा एक साल तक वापस इलाज के लिए नहीं आया. 16 साल की उम्र तक बच्चा नाक की इन्हीं दिक्कतों के साथ जीता रहा. उसकी नाक से बदबूदार तरल पदार्थ निकलता रहा. उसके नाक से आने वाली दुर्गंध से पूरा कमरा भर जाता. बच्चे ने कहा कि उसे नही लगता कि उसकी सांस खराब है लेकिन वो इस बदबूदार फ्लूइड के निकलने से शर्मिंदगी महसूस करता था. 
डॉक्टरों ने सीटी स्कैन किया तो पाया कि उसकी नाक की कैविटी में 9mm की गोलाकार सरंचना है. जो कोई बाहरी तत्व है. इसके बाद बच्चे के नाक की सर्जरी की गई. उसकी नाक से मेटल की बीबी पैलेट बाहर आई. बच्चे के घर वालों से की गई बातचीत में सामने आया कि जब वो 8 या 9 साल का था तब उसे बंदूक की गोली लगी थी. उस समय ऐसा कोई भी लक्षण सामने नहीं आया तो हमने डॉक्टर को नहीं दिखाया. 
द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के मेडिकल स्टूडेंट डायलन जेड. इरविन ने कहा कि बाहरी तत्व कभी-कभी नाक से बदबू आने का कारण बनते हैं. क्योंकि ये नाक से निकलने वाले फ्लूइड का प्राकृतिक रास्ता रोक देते हैं, जिससे म्यूकस में बैक्टीरिया पनपने लगता है. इनसे काफी ज्यादा दुर्गंध आती है. 
इस बच्चे के केस में गोली को स्पॉट करना काफी मुश्किल था, क्योंकि समय के साथ पैलेट पूरी तरह नए टिश्यू से घिर गया था. हेल्दी दिखने वाले टिश्यू पूरी तरह इसके ऊपर बढ़ गए थे. डॉक्टर ने गोली को देखने के लिए पहले टिश्यू को ऑपेरशन के जरिए हटाया. तब जाकर गोली की सटीक जानकारी मिली. 
रिपोर्ट में कहा गया कि किशोरों में गोली लगने की घटना सामान्य है लेकिन ये केस बहुत अलग था. क्योंकि इसमें बच्चे के साथ घटना कई सालों पहले हुई थी. इसकी नाक में चोट के कोई भी लक्षण नहीं थे. 
इरविन ने कहा कि जब इस तरह से लंबे समय तक नाक में गोली रहती है तो डॉक्टर को चिंता होती है कि इसके ट्रीटमेंट में कॉम्प्लिकेशन आएंगे. इंफेक्शन बढ़ेगा. कहीं बढ़ते-बढ़ते ये जबड़े और आंखों तक न पहुंच जाए. कहीं किसी हड्डी में नुकसान न पहुंचे. कभी-कभी इस बात का रिस्क भी बढ़ जाता है कि कही पेशेंट जोर से सांस न ले जिस वजह से वो गोली गले तक न पहुंच जाए. इस बच्चे के केस में ऐसे कोई भी कॉम्प्लिकेशन नहीं आए. सर्जरी के बाद नाक के टिश्यू नॉर्मल हो गए हैं. अब वो बदबूदार दुर्गंध भी चली गई है. 
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